2 साल में महिलाओं को पुरुषों से अधिक रोजगार: 3 करोड़ को मिला काम, 4 करोड़ बढ़ी कामकाजी आबादी
कोविड के बाद भारत में पिछले दो वित्त वर्षों में रोजगार तेजी से बढ़ा है। 2023-24 और 2024-25 के दौरान 3.06 करोड़ लोगों को रोजगार मिला, जिनमें 1.28 करोड़ महिलाएं थीं। गैर-कृषि क्षेत्रों में रोजगार में तेज वृद्धि हुई, जबकि कृषि क्षेत्र से लोगों का पलायन जारी है। महिला भागीदारी में भी उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।
कोविड काल 2020-21 में 2.28 करोड़ नौकरियों के नुकसान के बाद, 2023-24 और 2024-25 में कुल 3.06 करोड़ लोगों को रोजगार मिला। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) की रिपोर्ट के अनुसार, इन दो वर्षों में हर साल 1.50 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित हुए, जो कि एक सामान्य वर्ष की तुलना में काफी अधिक है।
इन 3.06 करोड़ रोजगारों में महिलाओं की हिस्सेदारी 1.28 करोड़ यानी 42% रही। 2023-24 में 1.52 करोड़ रोजगार में से 78 लाख महिलाओं को मिला, जबकि 2024-25 में 1.54 करोड़ में से 50 लाख महिलाओं को रोजगार मिला। इस दौरान कुल कामकाजी आबादी में 4.14 करोड़ की वृद्धि हुई।
एनारॉक रिपोर्ट: सुविधाओं के नाम पर घट रही कारपेट एरिया
एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार, बिल्डर सुविधाओं के नाम पर फ्लैट का कारपेट एरिया घटा रहे हैं, जिससे घर मालिकों को रहने लायक कम जगह मिल रही है।
कृषि से पलायन, गैर-कृषि रोजगार में उछाल
कम वेतन के कारण लोग कृषि क्षेत्र से पलायन कर रहे हैं। 2022-23 में कृषि क्षेत्र में 1.1 करोड़ रोजगार खत्म हुए। 2023-24 में सिर्फ 10 लाख नए रोजगार मिले, जबकि 2024-25 में 23 लाख लोग कृषि क्षेत्र से बाहर चले गए। इसके विपरीत, गैर-कृषि क्षेत्रों में 2022-23 में 1.28 करोड़, 2023-24 में 1.44 करोड़ और 2024-25 में 1.77 करोड़ रोजगार सृजित हुए। इस प्रकार, गैर-कृषि रोजगार 2021-22 के 23.8 करोड़ से बढ़कर 2024-25 में 28.3 करोड़ हो गया।
शहरी क्षेत्रों का अहम योगदान
रोजगार वृद्धि में शहरी क्षेत्रों की बड़ी भूमिका रही है, जिसका मुख्य कारण ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में बेहतर वेतन है। 2023-24 में कुल रोजगार सृजन में शहरी इलाकों की हिस्सेदारी 48% रही, जो 2024-25 में बढ़कर 65% हो गई। जबकि देश की कुल कामकाजी आबादी का 36% शहरी भारत में निवास करता है।
केबल ऑपरेटरों ने खत्म किए 1.95 लाख रोजगार
ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन (AICPDF) और ईवाई इंडिया की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, 2018 से 2024 के बीच भुगतान आधारित केबल टीवी कनेक्शन 15.1 करोड़ से घटकर 11.1 करोड़ रह गए। इससे 1.14 लाख से 1.95 लाख तक स्थानीय केबल ऑपरेटरों की नौकरियां खत्म हो गईं। इस दौरान इस क्षेत्र में 31% रोजगार में गिरावट दर्ज की गई।
नॉन सीयूईटी कोर्स: आज से काउंसलिंग शुरू
बी.एड और अन्य नॉन सीयूईटी पाठ्यक्रमों के लिए आज से काउंसलिंग शुरू हो रही है, लेकिन सीटों की तुलना में सिर्फ आधे छात्र ही आवेदनकर्ता हैं।