जस्टिस वर्मा के खिलाफ लोकसभा में महाभियोग की प्रक्रिया शुरू
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू कर दी है। यह कदम 146 सांसदों द्वारा दिए गए बहुदलीय प्रस्ताव के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्हें पद से हटाने की मांग की गई थी।
आरोप है कि दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास में इस वर्ष 15 मार्चजले हुए नोटों के बंडल बरामद हुए, जिससे न्यायपालिका की गरिमा पर सवाल खड़े हुए।
न्यायिक पारदर्शिता की दिशा में अहम कदम
स्पीकर ने प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए एक तीन सदस्यीय समिति गठित की है जो इस मामले की जांच करेगी और शीघ्र रिपोर्ट सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर संसद में महाभियोग प्रस्ताव पर आगे की कार्रवाई की जाएगी, जो संभवतः शीत सत्र में पूरी की जा सकती है। तब तक प्रस्ताव लंबित रहेगा।
सदन में हंगामा
जब स्पीकर ने महाभियोग प्रक्रिया की घोषणा की, तब सदन शांत था। लेकिन थोड़ी देर बाद विपक्ष ने मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
ओम बिरला का वक्तव्य
स्पीकर ने लोकसभा को बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और अन्य दलों के 146 सांसदों ने 31 जुलाई को जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दायर किया था।
उन पर आरोप है कि उनके आवास पर आग लगने की घटना के बाद जले हुए नोटों के बंडल बरामद हुए, जिससे न्यायपालिका की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगे हैं।