ट्रंप के टैरिफ का भारत पर असर और मोदी सरकार की रणनीति


ट्रंप के टैरिफ का भारत पर क्या होगा असर? मोदी के एक मास्टरस्ट्रोक से मिल सकता है 'आपदा में अवसर'

देश की जीडीपी पर पड़ सकता है टैरिफ का असर

वित्त वर्ष 2025-26 में ट्रंप के टैरिफ से भारत की जीडीपी में 30 से 50 आधार अंक की गिरावट हो सकती है, क्योंकि इससे रोजगार देने वाले क्षेत्रों का निर्यात प्रभावित होगा। इससे घरेलू खपत पर भी असर पड़ सकता है।

निर्यात को प्रोत्साहित करने की जरूरत

घरेलू स्तर पर सुधार करके इस गिरावट को रोका जा सकता है। छोटे निर्यातकों को आर्थिक सहायता, वैकल्पिक बाजार की खोज, सेवा और तकनीकी क्षेत्र को बढ़ावा देकर निर्यात में कमी की भरपाई संभव है।

मैन्युफैक्चरिंग नीति पर अमल आवश्यक

घरेलू अर्थव्यवस्था और खपत पर ध्यान देकर स्थानीय कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा सकता है। कच्चे माल पर आयात शुल्क को तार्किक बनाना और बजट में घोषित मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी पर शीघ्र अमल ज़रूरी है।

आपदा में अवसर की रणनीति

नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अमिताभ कांत का मानना है कि ट्रंप के टैरिफ संकट को बड़े सुधारों के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए। आनंद महिंद्रा ने एक सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम की स्थापना का सुझाव दिया है ताकि निवेश आसान हो सके।

पर्यटन सेक्टर में संभावनाएं

आनंद महिंद्रा का मानना है कि यदि भारत पर्यटन को बढ़ावा दे तो विदेशी मुद्रा अर्जन और रोजगार सृजन दोनों में वृद्धि हो सकती है।

एसएमई के लिए विशेष प्रावधान आवश्यक

टेक्सटाइल और लेदर जैसे रोजगारपरक क्षेत्रों में एसएमई की संख्या अधिक है। अमेरिका को भारत से लगभग 10 अरब डॉलर के गारमेंट्स और 1.3 अरब डॉलर के लेदर उत्पादों का निर्यात होता है।

सरकार से इंसेंटिव की मांग

फरीदा समूह के चेयरमैन रफीक अहमद का कहना है कि उनके 60% उत्पाद अमेरिका को निर्यात होते हैं जिससे 12,000 श्रमिक जुड़े हैं। सरकार को तत्काल कुछ राहत की घोषणा करनी चाहिए।

छोटे निर्यातकों के लिए योजनाएं

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सब्नविस का कहना है कि बड़ी कंपनियां टैरिफ झेल सकती हैं, परंतु छोटे निर्यातकों के लिए PLI, ब्याज सब्सिडी और रोजगार प्रोत्साहन योजनाएं जरूरी हैं।

21 दिन में हल निकलने की उम्मीद

भारत की अर्थव्यवस्था 3.8 ट्रिलियन डॉलर है, जिसमें 440 अरब डॉलर का वस्तु निर्यात शामिल है, जिसमें से 88 अरब डॉलर अमेरिका को निर्यात होता है। 50% टैरिफ से 35-40 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है।

एचडीएफसी की मुख्य अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता का कहना है कि टैरिफ लागू होने में अभी 21 दिन हैं और इस दौरान समाधान की उम्मीद की जा रही है। यदि शुल्क लागू रहा तो जीडीपी की दर में 0.4-0.5% की गिरावट आ सकती है।

मदन सब्नविस के अनुसार अगर टैरिफ जारी रहते हैं तो जीडीपी पर 0.3% तक का प्रभाव देखा जा सकता है।

स्रोत: आर्थिक विशेषज्ञ और नीति विश्लेषण | तिथि: 8 अगस्त, 2025




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