सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करने वाला पहला राज्य बना यूपी की पूर्व सीएम और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि यह कदम दलितों को बांटने की 'साजिश' है नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली हरियाणा मंत्रिमंडल ने 18 अक्टूबर को अपनी पहली बैठक में घोषणा की कि राज्य सरकार अनुसूचित जातियों (एससी) के उप-वर्गीकरण पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करेगी। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद देश में पहली बार उठाया गया यह कदम राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दलित पहुंच को और मजबूत करने के लिए है, जिसने सरकारी नौकरियों और शिक्षा में अनुसूचित जातियों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित किया है। विधानसभा चुनावों से ठीक पहले और अनुसूचित जातियों के उप-वर्गीकरण पर सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त के फैसले के एक पखवाड़े बाद सैनी सरकार ने हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी थी। आयोग ने राज्य सरकार की नौकरियों में 'वंचित अनुसूचित जातियों' के लिए 10 प्रतिशत उप-कोटा की सिफारिश की थी। इस फैसले की घोषणा आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद की गई थी। हरियाणा सरकार ने सरकारी शिक्षण संस्थानों में 20 प्रतिशत कोटे के भीतर 'वंचित एससी' के लिए उप-कोटा बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने के लिए एक विधेयक पेश किया था। इसने प्रमुख जाटवों को छोड़कर 36 एससी जातियों को 'वंचित एससी' के रूप में पहचाना था।
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