गीता सामोता ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर इतिहास रचा
गीता सामोता, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की पहली महिला अधिकारी बनीं, जिन्होंने 19 मई 2025 को माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी की। यह उपलब्धि सीआईएसएफ के 56 साल के इतिहास में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुई है। गीता ने 8849 मीटर ऊंचे इस पर्वत की चढ़ाई पूरी की, जो न केवल एक व्यक्तिगत जीत है बल्कि सीआईएसएफ और राष्ट्र के लिए भारत की अविश्वसनीय ताकत और जज्बे का प्रतीक भी है।
गीता सामोता: पर्वतारोहण में एक नई राह
सीआईएसएफ के प्रवक्ता ने 20 मई को यह जानकारी दी कि गीता सामोता, जो 35 वर्ष की एक अधीनस्थ अधिकारी हैं, ने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी की। वह 2011 में सीआईएसएफ में शामिल हुई थीं और वर्तमान में उदयपुर हवाई अड्डा इकाई में तैनात हैं। गीता राजस्थान के सीकर जिले के चाक गांव से हैं और शुरुआत में हॉकी खिलाड़ी थीं, लेकिन चोट लगने के कारण उन्होंने इस खेल को छोड़ दिया था।
एवरेस्ट तक की यात्रा
उस समय सीआईएसएफ के पास पर्वतारोहण टीम नहीं थी, लेकिन गीता ने पर्वतारोहण में विशेष प्रशिक्षण लिया। 2019 में, वह उत्तराखंड में माउंट सतोपंथ (7075 मीटर) और नेपाल में माउंट लोबुचे (6119 मीटर) पर चढ़ने वाली केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की पहली महिला बनीं।
सीआईएसएफ के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि
प्रवक्ता ने गीता की इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, "गीता अब दुनिया की शिखर पर खड़ी हैं, और यह न केवल व्यक्तिगत जीत का प्रतीक है, बल्कि सीआईएसएफ और पूरे राष्ट्र के अद्वितीय साहस और ताकत का प्रतीक भी है।" गीता की इस उपलब्धि ने न केवल महिला पर्वतारोहियों को प्रेरित किया बल्कि भारत की दृढ़ता और साहस को भी दुनिया के सामने लाया है।