ट्रंप ने पारिवारिक व्यापार के लिए भारत से संबंध तोड़े: पूर्व एनएसए का आरोप
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जेक सुलिवन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने परिवार के कारोबारी हितों के चलते भारत-अमेरिका के दशकों पुराने रणनीतिक संबंधों की अनदेखी की।
सुलिवन ने यूट्यूब चैनल MeidasTouch को दिए इंटरव्यू में बताया कि ट्रंप की क्रिप्टो कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (WLF) ने पाकिस्तान में निवेश किया, जबकि भारत पर टैरिफ लगा दिया, जिससे भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव आ गया।
WLF में ट्रंप और उनके परिवार की 60% हिस्सेदारी है। इस कंपनी ने अप्रैल 2024 में पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल (PCC) के साथ समझौते किए। ट्रंप इस कंपनी के मुख्य क्रिप्टो प्रवक्ता (Chief Crypto Advocate) हैं।
इस प्रतिनिधिमंडल में ट्रंप के करीबी सहयोगी स्टीव विटकॉफ के बेटे जैकरी विटकॉफ भी शामिल थे।
जून 2024 में पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष आसिम मुनीर और ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई, जिसमें व्यापार, आर्थिक विकास और क्रिप्टोकरेंसी पर चर्चा हुई। इसके बाद जुलाई 2024 में ट्रंप ने भारत के सामान पर 25% टैरिफ की धमकी दी और पाकिस्तान के साथ व्यापारिक सौदे की घोषणा की।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस सौदे को "ऐतिहासिक" बताया।
सुलिवन ने चेतावनी दी कि भारत जैसे सहयोगी से रिश्ते खराब करना अमेरिका के लिए रणनीतिक नुकसान है, और इससे जर्मनी, जापान और कनाडा जैसे देश भी अमेरिका पर भरोसे को लेकर सोचने पर मजबूर हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिका को भारत के साथ तकनीक, प्रतिभा और आर्थिक मोर्चों पर मिलकर काम करना चाहिए, खासकर चीन जैसे खतरे से निपटने के लिए। लेकिन ट्रंप के फैसलों ने इन रिश्तों को कमजोर किया।
सुलिवन ने यह भी कहा कि अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने स्थिति को संभाला, लेकिन सुलिवन ने इसे "कम रिपोर्ट की गई कहानी" बताया।