फिच ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बताया, साख 'BBB-' पर बरकरार
फिच रेटिंग्स ने भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को 'BBB-' के स्तर पर स्थिर आउटलुक के साथ बनाए रखा है। यह रेटिंग भारत की मजबूत आर्थिक विकास दर और ठोस बाह्य वित्तीय स्थिति को दर्शाती है। यह निर्णय एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स द्वारा भारत की रेटिंग बढ़ाने के कुछ ही दिनों बाद आया है।
भारत पर फिच का भरोसा
फिच ने कहा कि भारत किसी भी वैश्विक आर्थिक चुनौती का सामना करने में सक्षम है। भारत की रेटिंग को मजबूत ग्रोथ, स्थिर वित्तीय स्थिति और सुधारात्मक नीतियों का समर्थन प्राप्त है।
अमेरिकी टैरिफ का सीमित प्रभाव
अमेरिका ने भारत से आयातित कुछ वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन फिच का मानना है कि इससे भारत की जीडीपी विकास दर 2025-26 में केवल थोड़ा प्रभाव पड़ेगा और अनुमानित दर 6.5% बनी रह सकती है।
GST सुधार से बढ़ेगी खपत
फिच का मानना है कि अगर GST (वस्तु एवं सेवा कर) में प्रस्तावित सुधार लागू होते हैं, तो इससे उपभोग में वृद्धि होगी और विकास से जुड़े जोखिमों में कमी आएगी। सरकार GST की दरों को सरल करने की दिशा में काम कर रही है, जिससे अधिकांश वस्तुओं पर 5% या 18% टैक्स लगे और कुछ वस्तुओं पर 40% टैक्स लागू हो सकता है।
एसएंडपी और मॉर्निंग डीबीआरएस का भी समर्थन
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने 14 अगस्त को भारत की रेटिंग को 'BBB-' से बढ़ाकर 'BBB' कर दिया, जो पिछले 18 वर्षों में पहली बार हुआ है। इसी तरह, मॉर्निंग डीबीआरएस ने भी मई 2025 में भारत की रेटिंग को 'BBB' कर दिया था।
भविष्य की दिशा
GST सुधार, नीति स्थिरता और निरंतर आर्थिक प्रदर्शन के आधार पर, वैश्विक रेटिंग एजेंसियों को भारत की अर्थव्यवस्था पर भरोसा है। यह रेटिंग भारत की वित्तीय मजबूती और वैश्विक अस्थिरता का सामना करने की क्षमता को दर्शाती है।