20 फरवरी को मराठा समाज को शिक्षा और नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक महाराष्ट्र विधानमंडल में सर्वसम्मति से पास हो गया ।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण पर विधानमंडल के एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान सदन में महाराष्ट्र राज्य सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ा विधेयक 2024 पेश किया।

विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इसमें कहा गया कि महाराष्ट्र की कुल आबादी में मराठों की हिस्सेदारी 28 प्रतिशत है।

इसमें कहा गया है कि बड़ी संख्या में जातियां और समूह पहले से ही आरक्षित श्रेणी में हैं, जिन्हें कुल मिलाकर लगभग 52 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है। इसमें कहा गया है कि मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में रखना पूरी तरह से अनुचित होगा।

Maharashtra Chief Minister Eknath Shinde introduced the Maharashtra State Socially and Educationally Backward Bill 2024 in the House during a one-day special session of the legislature on Maratha reservation.

The bill was passed unanimously. It said that the share of Marathas in the total population of Maharashtra is 28 percent.

It said that a large number of castes and groups are already in the reserved category, which together are getting about 52 percent reservation. It said that it would be completely unfair to place the Maratha community in the Other Backward Class (OBC) category

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