ईएसबी बदलेगा भर्ती परीक्षा सिस्टम: अब सिर्फ 4 संयुक्त परीक्षाएं
अब मप्र में सरकारी विभागों की भर्तियों के लिए सालभर अलग-अलग परीक्षाएं नहीं होंगी। मप्र कर्मचारी चयन मंडल (ESB) ने 30 प्रकार की भर्तियों को मिलाकर सिर्फ 4 संयुक्त परीक्षाएं कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इससे परीक्षा में खर्च और समय की भी बचत होगी।
क्या है प्रस्ताव?
ईएसबी ने शासन को 30 प्रकार की परीक्षाओं को मिलाकर केवल 4 परीक्षाएं आयोजित करने का प्रस्ताव भेजा है। यह परीक्षाएं होंगी:
- संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा – सभी ग्रुप-सी पदों के लिए
- संयुक्त उच्चतर माध्यमिक स्तरीय परीक्षा – 12वीं पास योग्यता वाले पदों के लिए
- तकनीकी पदों के लिए परीक्षा – इंजीनियरिंग, आईटीआई आदि तकनीकी योग्यताओं के पद
- शिक्षक पात्रता परीक्षा – प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षक पदों के लिए
कैसे होगा चयन?
विभिन्न विभागों के समकक्ष पदों को एक ही परीक्षा में शामिल किया जाएगा। अभ्यर्थी आवेदन के समय च्वाइस फिलिंग करेंगे कि वे किस विभाग या पद के लिए आवेदन कर रहे हैं। उसी आधार पर मेरिट सूची बनाई जाएगी और नियुक्ति होगी।
इस बदलाव के लाभ
- एक ही परीक्षा से कई विभागों में चयन की संभावना।
- बार-बार परीक्षा देने और आवेदन करने की जरूरत नहीं।
- समय, पैसा और मानसिक तनाव में कमी।
- भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और शीघ्र होगी।
- मेरिट आधारित निष्पक्ष नियुक्तियां होंगी।
साल 2025–2026 में प्रस्तावित प्रमुख परीक्षाएं
- आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा – अगस्त 2025
- प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा – अगस्त-सितंबर 2025
- समूह-02 उपसमूह-03 – अक्टूबर 2025
- समूह-01 उपसमूह-02 – अक्टूबर 2025
- लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग – सितंबर 2025
- समूह-02 उपसमूह-04 – नवंबर 2025
- क्षेत्ररक्षक, जेल प्रहरी परीक्षा – नवंबर 2025
- समूह-03 उपयंत्री परीक्षा – जनवरी 2026
- आईटीआई प्रशिक्षण अधिकारी चयन परीक्षा – फरवरी 2026
- समूह-02 उपसमूह-02 – मार्च 2026
- सूबेदार, शीघ्रलेखक, सहायक उप निरीक्षक परीक्षा – अप्रैल 2026
- पुलिस आरक्षक (जीडी) भर्ती परीक्षा – अप्रैल 2026
- एएसआई (कंप्यूटर) व प्रधान आरक्षक (कंप्यूटर) परीक्षा – मई 2026
ईएसबी का क्या कहना है?
ईएसबी के संचालक साकेत मालवीय ने कहा कि समान ग्रुप के समकक्ष पदों के लिए 4 संयुक्त परीक्षाएं आयोजित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर होता है तो हर साल करीब 30 की जगह केवल 4 परीक्षाएं कराई जाएंगी।