अंग गंवाने वाले सीएपीएफ जवान सेवा में बने रहेंगे: पूरी नौकरी, वेतन और सहायता
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने 27 जुलाई को घोषणा की कि ड्यूटी के दौरान हाथ-पांव गंवाने या स्थायी रूप से दिव्यांग होने वाले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के जवानों को अब सेवा से नहीं हटाया जाएगा।
इन जवानों को पूरी सेवा अवधि तक नौकरी, समय पर वेतन और पदोन्नति मिलती रहेगी। इसके अलावा, सरकार की ओर से उन्हें एकमुश्त आर्थिक सहायता भी दी जाएगी।
गृह सचिव ने यह घोषणा केंद्रीय आरक्षित पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 87वें स्थापना दिवस के मौके पर जवानों को संबोधित करते हुए की। उन्होंने कहा कि घायल और दिव्यांग जवानों को अब सम्मान के साथ सेवा में बनाए रखा जाएगा।
सीएपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि इस योजना को लागू करने के लिए सीआरपीएफ के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। यह समिति आने वाले कुछ महीनों में अपनी सिफारिशें देगी और योजना की रूपरेखा तैयार करेगी।
अधिकारी ने बताया कि पिछले दशकों में सैकड़ों जवान ड्यूटी के दौरान आईईडी विस्फोट या हमलों में अपने अंग या आंखें खो चुके हैं। हालांकि, सेवा से हटाने के मामले बहुत कम हैं, लेकिन कई जवानों को शारीरिक फिटनेस मानकों के कारण पदोन्नति नहीं मिल पाती। समिति इस बात पर काम करेगी कि इन मानकों में किस तरह से छूट दी जा सकती है ताकि घायल जवानों को सभी लाभ मिल सकें।