राजधानी में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली की भाजपा सरकार ने कदम बढ़ाया है। दिल्ली सरकार ने 1 मार्च को घोषणा की थी कि 31 मार्च के बाद राजधानी में पेट्रोल पंपों पर 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा। एक्सपर्ट ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। साथ ही नए वाहनों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने की सलाह दी है।
15 साल पुराने वाहनों को एक अप्रैल से ईंधन नहीं देने का निर्णय
दिल्ली सरकार के 1 अप्रैल से 15 साल पुराने वाहनों को ईंधन न देने के निर्णय का पर्यावरणविदों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने के एनजीटी एवं सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर टलते आ रहे क्रियान्वयन को लेकर भी दिल्ली सरकार का यह कदम मददगार होगा। हालांकि उनका यह भी कहना है कि राजधानी का प्रदूषण कम करने के लिए नए वाहनों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने सहित सार्वजनिक परिवहन सेवा को मजबूत करना भी उतना ही जरूरी है। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रायचौधरी का कहना है कि इसमें कोई शक नहीं कि पुराने वाहन कहीं अधिक प्रदूषण फैलाते हैं। इसीलिए एनजीटी और विभिन्न अदालतें भी उन्हें सड़कों से हटाने की वकालत करती रही हैं।