अक्टूबर से विशेष उर्वरक निर्यात पर फिर प्रतिबंध लगाएगा चीन
31 अगस्त: चीन अक्टूबर से विशेष उर्वरकों के निर्यात पर एक बार फिर से प्रतिबंध लगाने जा रहा है। इससे वैश्विक स्तर पर कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है और भारतीय किसानों पर इसका असर पड़ेगा।
भारत ने हाल ही में स्वदेशी पानी में घुलनशील उर्वरक तकनीक विकसित की है, लेकिन चीन के नए प्रतिबंधों के चलते वैश्विक सोर्सिंग कंपनियां आपूर्ति बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
चीन फिर से बढ़ाएगा नियंत्रण
एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि हाल ही में चीन से निर्यात की अस्थायी बहाली से थोड़ी राहत मिली है, लेकिन यह राहत अल्पकालिक होगी। बीजिंग अक्टूबर से निर्यात निरीक्षण को कड़ा करने और खेपों में देरी करने की योजना बना रहा है।
भारत की स्वदेशी तकनीक एक बड़ी उपलब्धि
भारत ने सात वर्षों के अनुसंधान के बाद अपनी पहली स्वदेशी घुलनशील उर्वरक तकनीक विकसित कर ली है, जो देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना सकती है।
घुलनशील उर्वरक उद्योग संघ (SFIA) के प्रेसिडेंट राजीव चक्रवर्ती ने कहा, "यह एक अस्थायी समाधान है क्योंकि चीन अक्टूबर से निर्यात बंद कर रहा है। यह केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरे वैश्विक बाजार के लिए हो रहा है।"
फिर शुरू होंगे प्रतिबंध
भारत और चीन के बीच हालात कुछ हद तक सामान्य हुए हैं, लेकिन प्रतिबंधों की वापसी की आशंका बनी हुई है। चक्रवर्ती के अनुसार, "चीन पूरी तरह निर्यात बंद नहीं करता, बल्कि निरीक्षण और देरी के जरिए नियंत्रण करता है।"
भारतीय कंपनियों के सामने आपूर्ति चुनौती
भारत की उर्वरक बनाने वाली कंपनियां सितंबर के दौरान ही पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जूझ रही हैं, ताकि अक्टूबर से लागू होने वाले प्रतिबंधों से पहले भंडारण किया जा सके।
कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना
उद्योग को उम्मीद है कि मध्य सत्र तक स्वदेशी आपूर्ति उपलब्ध हो जाएगी, लेकिन कीमतों को नियंत्रित कर पाना मुश्किल लग रहा है।
वैश्विक कंपनियां अपनी ज़रूरतें पूरी करने के लिए अतिरिक्त प्रयास कर रही हैं ताकि प्रतिबंध लागू होने से पहले पर्याप्त स्टॉक बन सके।