चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 27 जगहों के नाम बदले
चीन ने अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा मानते हुए 27 जगहों के नाम बदले, भारत ने इस दावे को नकारा।
चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 27 जगहों के नाम बदले
चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 27 जगहों के नाम बदले हैं, इनमें 15 पहाड़, 5 कस्बे, 4 पहाड़ी दर्रे, 2 नदियां और एक झील शामिल हैं। यह लिस्ट चीन की सरकारी वेबसाइट ग्लोबल टाइम्स पर जारी की गई है, और नाम मंदारिन (चीनी भाषा) में रखे गए हैं। पिछले 8 वर्षों में, चीन का दावा है कि उसने अरुणाचल की 90 से अधिक जगहों के नाम बदले हैं।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को कहा- "नाम बदलने की चीन की यह हरकत मूर्खतापूर्ण है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। चीन ने नाम बदलने में रचनात्मकता दिखाई है, लेकिन अरुणाचल प्रदेश भारत का अटूट हिस्सा है।"
चीन का लंबे समय से अरुणाचल पर दावा
चीन अरुणाचल प्रदेश को हमेशा से अपने हिस्से के रूप में मानता है और इसे 'दक्षिणी तिब्बत' और 'जांगनान' कहता है। यह विवाद तब उभरता है जब भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति मजबूत होती है, जैसे कि 2023 के जी-20 सम्मेलन के दौरान, जो अरुणाचल प्रदेश में आयोजित हुआ था। इसी तरह की हरकत 2017 में दलाई लामा के अरुणाचल दौरे के समय भी हुई थी।
2024 में भी चीन ने 20 और जगहों के नाम बदले थे। चीन के सिविल अफेयर्स मंत्रालय ने पुष्टि की कि इनमें 11 रिहायशी इलाके, 12 पर्वत, 4 नदियां और एक झील शामिल हैं। ये नाम चीनी, तिब्बती और रोमन रूपों में जारी किए गए थे।
चीन का अरुणाचल प्रदेश पर दावा क्यों?
चीन ने कभी भी अरुणाचल प्रदेश को भारत का राज्य मान्यता नहीं दी है। वह इसे 'दक्षिणी तिब्बत' का हिस्सा बताता है और यह दावा करता है कि भारत ने उसके तिब्बती क्षेत्र पर कब्जा करके इसे अरुणाचल प्रदेश बना लिया है। चीनी एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के रिसर्चर झांग योंगपान ने 2015 में कहा था कि इन इलाकों के नाम बदलने का अधिकार सिर्फ चीन को होना चाहिए क्योंकि ये नाम सैकड़ों सालों से बदले जा रहे थे।
क्या नाम बदलने की प्रक्रिया सही होगी?
नहीं। किसी स्थान का नाम बदलने के लिए निर्धारित अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाएं हैं। यदि कोई देश किसी स्थान का नाम बदलना चाहता है, तो उसे पहले यूएन ग्लोबल जियोग्राफिक इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट को सूचना देनी होती है। इसके बाद, यूएन के जियोग्राफिक एक्सपर्ट उस इलाके का दौरा करते हैं, तथ्यों की जांच करते हैं और स्थानीय लोगों से बातचीत करते हैं। अगर नाम बदलने को सही पाया जाता है, तो इसे रिकॉर्ड में शामिल किया जाता है।
चीन को अरुणाचल प्रदेश से इतनी क्यों घबराहट है?
अरुणाचल प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है, जो उत्तर में तिब्बत, पश्चिम में भूटान, और पूर्व में म्यांमार के साथ अपनी सीमा साझा करता है। अरुणाचल प्रदेश को पूर्वोत्तर का सुरक्षा कवच कहा जाता है। चीन का दावा पूरे अरुणाचल प्रदेश पर है, लेकिन उसकी खास रुचि तवांग जिले में है, जो अरुणाचल के उत्तर-पश्चिम में स्थित है, और जहां भूटान और तिब्बत की सीमाएं मिलती हैं।