जनजातीय भाषाओं के संरक्षण के लिए 'आदि वाणी' AI टूल


जनजातीय भाषाई विरासत चिरस्थाई बनाने के लिए 'आदि वाणी'

1 सितंबर को जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने जनजातीय भाषाओं, बोलियों और संस्कृति के संरक्षण की अभूतपूर्व पहल – जनजातीय भाषा अनुवाद टूल "आदि वाणी" विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने जनजातीय गौरव वर्ष के अंतर्गत नई दिल्ली में "आदि वाणी" का बीटा वर्जन लॉन्च किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय जनजातीय राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके ने की।

"आदि वाणी" एक AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) आधारित अनुवाद उपकरण है। इसका उद्देश्य जनजातीय समुदायों को जोड़ना और उनकी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करना है। यह भाषाओं के डिजिटलीकरण में सहायता करेगा और मूल भाषाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा तथा शासन तक पहुँच बनाने में मदद करेगा।

यह उपकरण जनजातीय उद्यमिता को बढ़ावा देगा और शोधकर्ताओं के लिए ज्ञान का स्रोत बनेगा।

"आदि वाणी" को IIT दिल्ली के नेतृत्व में BITS पिलानी, IIIT हैदराबाद, IIIT नवा रायपुर और झारखंड, ओडिशा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व मेघालय के जनजातीय अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से विकसित किया गया है।




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