रीवा में जल्द प्रदेश का 7वां ड्राई पोर्ट शुरू होने जा रहा है। प्रदेश में अभी 6 ड्राई पोर्ट चलाए जा रहे हैं जिसमें से 3 इंदौर में हैं। सीएम डॉ. मोहन यादव ने रीवा में कंटेनर डिपो बनाने की घोषणा की है, जिसे ड्राई पोर्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे क्षेत्र के प्रमुख उत्पादों जैसे गेहूं, चावल और जीआई टैग प्राप्त सुंदरजा आम के एक्सपोर्ट में भारी बढ़ोतरी होगी। विंध्य क्षेत्र से बड़े पैमाने पर गेहूं- चावल का एक्सपोर्ट किया जाता है। अभी तक रेल और हवाई सेवा की कमी के कारण यह माल सड़कों से इंदौर और नागपुर भेजा जाता था। अब कंटेनर डिपो बनने से व्यापारी अपने माल को स्थानीय स्तर पर स्टोर कर सकेंगे। यहीं से कस्टम और पोर्ट से जुड़ी सभी परमिशन मिल जाएंगी। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि एक्सपोर्ट की लागत भी कम होगी। कृषि से भरपूर रीवा और सतना में बड़ी मात्रा में गेहूं और चावल का एक्सपोर्ट होता है। साथ ही जीआई टैग प्राप्त सुंदरजा आम भी अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस सहित कई देशों को सप्लाई होता है। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद सहित कई बड़े शहरों में भी इसकी मांग रहती है। यहां की बांस की टोकरियां भूटान, श्री लंका सहित कई देशों में जाती है। बांस से बने प्रोडक्ट भी कई देशों में भेजे जाते हैं। आंवला, ऑप्टिकल फाइबर केबल, सीमेंट, आलू और टमाटर का भी यहां से एक्सपोर्ट होता है। मध्यप्रदेश चारों तरफ जमीन से जुड़ा हुआ राज्य है, जिसकी किसी भी तरफ समुद्र की सीमा नहीं लगती। यही वजह है कि प्रदेश करीब 65000 करोड़ के एक्सपोर्ट के साथ राज्यों के बीच 15वें नंबर पर है। समुद्र की सीमा से लगने वाले गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश और ओडिशा जैसे राज्य एक्सपोर्ट के मामले में देश के टॉप राज्यों में शामिल हैं। देश में कुल 129 ड्राई पोर्ट हैं, जिनमें मध्यप्रदेश में 6 ड्राई पोर्ट हैं। मप्र में फिलहाल इंदौर में 3 (टीही, पीथमपुर, और धनड़), मालनपुर, पवारखेड़ा और मंडीदीप में एक-एक ड्राई पोर्ट है।
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