राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 22 अगस्त को 33 लोगों को राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया। बायोकेमिस्ट गोविंदाराजन पद्मनाभन को साइंस के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए विज्ञान रत्न अवॉर्ड मिला। वहीं, ISRO की चंद्रयान टीम को विज्ञान टीम अवॉर्ड से नवाजा गया।
पुरस्कार सेरेमनी में 18 युवा वैज्ञानिकों को 'विज्ञान युवा शांति स्वरूप भटनागर' अवॉर्ड दिया गया।
इसके अलावा, 13 विजेताओं को 'विज्ञान श्री' अवॉर्ड मिले।
'विज्ञान रत्न’ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उपलब्धियों और योगदान को मान्यता देने के लिए दिया गया।
वहीं, ‘विज्ञान श्री’ विशिष्ट योगदान को मान्यता देने के लिए दिया गया।
केंद्र सरकार ने पद्म पुरुस्कार की तर्ज पर देश में विज्ञान अवॉर्ड को शुरू करते हुए जनवरी में नेशनल साइंस अवार्ड की शुरुआत की।
इसमें विजेताओं को एक पदक और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
नेशनल साइंस अवॉर्ड में कैश नहीं दिया जाता है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पद्म पुरस्कार और अन्य राष्ट्रीय पुरस्कारों के तर्ज पर 'राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (RVP)' की शुरुआत की है।
RVP में 4 तरह के पुरस्कार को दिए जाते हैं- विज्ञान रत्न पुरस्कार, विज्ञान श्री पुरस्कार, विज्ञान टीम पुरस्कार और विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर।
विज्ञान रत्न पुरस्कार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में किये गए पूरे जीवन की उपलब्धियों और योगदान को मान्यता देता है।
विज्ञान श्री पुरस्कार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट योगदान को मान्यता देता है।
विज्ञान टीम पुरस्कार, तीन या अधिक वैज्ञानिकों/शोधकर्त्ताओं/नवप्रवर्तकों की टीम को दिये जाएंगे, जिन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में एक टीम में काम करते हुए असाधारण योगदान दिया है।
विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर (VY-SSB) पुरस्कार, युवा वैज्ञानिकों (अधिकतम 45 वर्ष) के लिये भारत में सर्वोच्च बहुविषयक विज्ञान पुरस्कार हैं।
VY-SSB का नाम वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के संस्थापक और निदेशक शांति स्वरूप भटनागर के नाम पर रखा गया है, जो एक प्रसिद्ध रसायनज्ञ थें।