21वीं सदी भारत और आसियान देशों की
47वां दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) शिखर सम्मेलन और इससे जुड़े सम्मेलन आज मलेशिया के कुआलालंपुर में शुरू हुए। इस वर्ष सम्मेलन का विषय है “समावेशिता और स्थिरता।” आसियान 2025 के अध्यक्ष, मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने उद्घाटन समारोह में कहा कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा और अनिश्चितता न केवल आसियान अर्थव्यवस्थाओं की, बल्कि सहयोग में विश्वास बनाए रखने के आसियान के सामूहिक संकल्प की भी परीक्षा ले रही है। उन्होंने कहा कि आसियान की ताकत इस विश्वास में निहित है कि सम्मान और तर्क अभी भी सदस्यों को एक साथ बांधे हुए हैं। उनके भाषण के बाद तिमोर-लेस्ते के आसियान में प्रवेश के लिए घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए गए।
इसके साथ ही तिमोर-लेस्ते आसियान का 11वां सदस्य बन गया। तीन दिन के इस शिखर सम्मेलन में, आसियान नेता क्षेत्रीय एकीकरण को मजबूत करने, आर्थिक विकास प्रोत्साहित करने और आसियान संपर्क बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21वीं सदी भारत और आसियान की सदी है। मलेशिया में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि भारत और आसियान मिलकर दुनिया की लगभग एक-चौथाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और आसियान न केवल भौगोलिक रूप से जुड़े हैं, बल्कि मजबूत ऐतिहासिक संबंधों और साझा मूल्यों में भी बंधे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि अनिश्चितताओं के इस दौर में भी, भारत-आसियान व्यापक रणनीतिक साझेदारी में लगातार प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि यह मजबूत साझेदारी वैश्विक स्थिरता और विकास के लिए एक मज़बूत आधार के रूप में उभरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हर आपदा में अपने आसियान मित्रों के साथ मजबूती से खड़ा रहा है। समुद्री आपदा प्रबंधन, सुरक्षा और नीली अर्थव्यवस्था में सहयोग तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने 2026 को “आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष” घोषित किया। आसियान शिखर सम्मेलन के साथ-साथ पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन भी होगा। इस सम्मेलन में विदेश मंत्री सुब्रमण्याम जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रतिनिधित्व करेंगे।