केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 18 सितंबर को चंद्रयान-4 मिशन के विस्तार को मंजूरी दे दी। इसमें मानवयुक्त चंद्र मिशन के लिए प्रिपरेटरी मेजर्स यानी शुरुआती उपाय भी शामिल हैं। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने शुक्र ऑर्बिटर मिशन और गगनयान के एक्सपेंशन को भी मंजूरी दे दी।केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और नेक्स्टजेन प्रक्षेपण वाहनों के विकास को भी मंजूरी दी।आगामी चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चांद की सतह से चट्टानों और मिट्टी को एकत्र करना तथा उन्हें पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाना है।इससे पहले 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे के अवसर पर इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि अंतरिक्ष एजेंसी ने अगले चरण के चंद्र मिशन - चंद्रयान 4 और 5 के लिए डिजाइन पूरा कर लिया है।भारत 2027 में चंद्रयान-4 की लॉन्चिंग करेगा।चंद्रयान-4 चांद की सतह से 3-5 किलो मिट्टी और चट्टान के नमूनों को पृथ्वी पर लाएगा।इस स्पेसक्राफ्ट में पांच अलग-अलग मॉड्यूल होंगे।वहीं, 2023 में चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 में प्रोपल्शन मॉड्यूल (इंजन), लैंडर और रोवर तीन मॉड्यूल थे।इंडियन स्पेस स्टेशन का पहला मॉड्यूल 2028 में लॉन्च किया जाएगा, जिसमें केवल रोबोट्स भेजे जाएंगे।इस स्टेशन में कुल पांच मॉड्यूल बारी-बारी से अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे।