लगातार 30 दिन जेल में रहे तो प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व मंत्री को छोड़ना होगा पद
20 अगस्त 2025 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 लोकसभा में पेश किया। इस विधेयक में प्रावधान किया गया है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री लगातार 30 दिन से अधिक न्यायिक हिरासत में रहता है, तो 31वें दिन उसे पद छोड़ना होगा या बर्खास्त कर दिया जाएगा।
सरकार का तर्क है कि गंभीर आपराधिक मामलों में जेल में रहने वाले नेता का पद पर बने रहना लोकतांत्रिक नैतिकता के खिलाफ है। हालांकि, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस विधेयक का समर्थन कर अपनी ही पार्टी को चौंका दिया। उन्होंने कहा, “अगर कोई व्यक्ति 30 दिन जेल में है तो क्या वह मंत्री बना रह सकता है? यह सामान्य ज्ञान की बात है।” उन्होंने इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजने का भी स्वागत किया।
वहीं, प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस विधेयक को संविधान-विरोधी बताया और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसी भी मुख्यमंत्री को 30 दिन की हिरासत में रखकर ।
बहस के दौरान कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने अमित शाह के गुजरात कार्यकाल का हवाला देते हुए उनकी नैतिकता पर सवाल उठाए। शाह ने विपक्ष की आलोचना करते हुए विधेयक को जेपीसी को भेजने की सिफारिश की।
अंततः लोकसभा ने 130वां संविधान संशोधन विधेयक, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने को मंजूरी दे दी।