7 अगस्त- भारत ने की पहले BIMSTEC बिजनेस शिखर सम्मेलन की मेजबानी :
भारत ने 6 से 8 अगस्त तक राजधानी दिल्ली में पहले बिम्सटेक बिजनेस शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। विदेश मंत्रालय, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के सहयोग से तीन दिवसीय इस कार्यक्रम का आयोजन किया है। बिम्सटेक का पूरा नाम 'बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन' है। बिम्सटेक बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है। विदेश मंत्री एस जयशंकर व्यापार शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में व्यापार, वाणिज्य-उद्योग और ऊर्जा क्षेत्र के बिम्सटेक सदस्य देशों के कई मंत्री, सीनियर अधिकारी, नीति निर्माता, उद्यमी और उद्योग संघ भाग लिया । इसके 7 सदस्यों में से 5 दक्षिण एशिया से हैं, जिनमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं। वहीं, दो- म्यांमार और थाईलैंड दक्षिण-पूर्व एशिया से हैं। बिम्सटेक को बैंकॉक डिक्लेरेशन, 1997 के तहत स्थापित किया गया था। इसका मकसद बंगाल की खाड़ी से लगे देशों में तीव्र आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने और साझा हितों के मुद्दों पर समन्वय स्थापित करने के लिए सकारात्मक वातावरण बनाना है। शुरुआत में इसमें चार देश थे और इसका संक्षिप्त नाम ‘BIST-EC’ (बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग) था। 1997 में म्यांमार के शामिल होने के बाद इसका नाम बदलकर ‘BIMST-EC’ कर दिया गया। साल 2004 में नेपाल और भूटान के इसमें शामिल होने के बाद संगठन का नाम बदलकर बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन कर दिया गया। पाकिस्तान ने भी इसमें शामिल होना चाहा था, लेकिन उसे अलग रखा गया है। कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) की स्थापना 1895 में इंजीनियरिंग और आयरन ट्रेड्स एसोसिएशन के रूप में की गई थी। 1992 में इसका नाम बदलकर कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री यानी भारतीय उद्योग परिसंघ कर दिया गया। यह भारत के सबसे पुराने व्यापारिक समूहों में से एक है, जो भारतीय उद्योगों और व्यवसायों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है।
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