अमेरिका ने यूनेस्को से अलग होने की घोषणा की
संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक संस्था यूनेस्को (UNESCO) से अमेरिका ने फिर से खुद को अलग कर लिया है। अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने इस पर बयान जारी किया। बयान में कहा गया कि अमेरिका ने महानिदेशक ऑड्रे अज़ोले को यूनेस्को से हटने के निर्णय की जानकारी दी है। अमेरिका का कहना है कि यूनेस्को की नीतियां उसके राष्ट्रीय हितों के अनुरूप नहीं हैं।
फिलिस्तीन को सदस्य बनाना रहा मुख्य कारण
यूनेस्को द्वारा 2011 में फिलिस्तीन को सदस्य बनाए जाने के निर्णय का अमेरिका ने विरोध किया था। अमेरिका का मानना है कि इससे यूनेस्को में इजराइल विरोधी माहौल बढ़ा है। इसी कारण अमेरिका ने यूनेस्को को मिलने वाली फंडिंग भी रोक दी थी।
यूनेस्को का जवाब
यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अज़ोले ने अमेरिका के फैसले पर खेद जताया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय दिसंबर 2026 के अंत में प्रभावी होगा। यूनेस्को ने पहले से ही इस निर्णय की संभावना को ध्यान में रखते हुए फंडिंग स्रोतों में विविधता लाई है और संगठन का बजट भी बढ़ाया है।
पहले भी बाहर हुआ था अमेरिका
ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिका ने 12 अक्टूबर 2017 को यूनेस्को से बाहर होने का एलान किया था और 31 दिसंबर 2018 को आधिकारिक रूप से अलग हो गया था। अब फिर से वही निर्णय लिया गया है, जो दिसंबर 2026 से लागू होगा।