उज्जैन सिंहस्थ 2028 का आयोजन 27 मार्च से 27 मई तक दो महीने चलेगा। इस दौरान तीन अमृत स्नान और सात पर्व स्नान होंगे, जो 9 अप्रैल से 8 मई तक आयोजित किए जाएंगे। मध्य प्रदेश सरकार ने अनुमानित किया है कि इस महाकुंभ में लगभग 14 करोड़ श्रद्धालु शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार उज्जैन-इंदौर क्षेत्र को धार्मिक और आध्यात्मिक परिपथ के रूप में विकसित कर रही है, जिसमें मंदसौर के पशुपतिनाथ, खंडवा के दादा धूनीवाले, भदवामाता, नलखेड़ा और ओंकारेश्वर जैसे पवित्र स्थल शामिल हैं।
राज्य सरकार ने सिंहस्थ के लिए 5,882 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है, जिसमें जल संसाधन, शहरी प्रशासन, ऊर्जा, लोक निर्माण, संस्कृति और पुरातत्व विभागों की 19 परियोजनाएँ शामिल हैं। इनमें से 29.21 किलोमीटर घाटों का निर्माण 778.91 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा, और 30.15 किलोमीटर कन्ह नदी का डायवर्जन 1,024.95 करोड़ रुपये में होगा।
यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए उज्जैन और इंदौर के बीच 2,312 करोड़ रुपये की लागत से चार-लेन राजमार्ग परियोजना स्वीकृत की गई है, जिसमें उज्जैन बाइपास, इंदौर-उज्जैन ग्रीनफील्ड रोड और इंदौर से देपालपुर रोड शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, उज्जैन में 29 किलोमीटर लंबा पैदल मार्ग और घाटों का निर्माण 771 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को सुविधाजनक मार्ग उपलब्ध होगा।
इन तैयारियों के माध्यम से सरकार सिंहस्थ 2028 को सफल और स्मरणीय बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।