BLOG

अब यात्रा प्रबंधन एवं पर्यटन क्षेत्र में करियर का नया आसमान

यकीनन इस समय नई पीढ़ी के लिए देश में ही नहीं पूरी दुनिया में यात्रा प्रबंधन एवं पर्यटन सेक्टर में करियर का ऊंचा आसमान दिखाई दे रहा है। खास बात यह है कि न केवल नगरों और महानगरों के बल्कि छोटे-छोटे गांवों के ऐसे स्टूडेंट भी इस क्षेत्र में करियर के लिए आगे बढ़ रहे हैं ,जो यात्रा प्रबंधन और पर्यटन में गहरी रुचि रखते हैं। मैंने देश में विभिन्न घरेलू पर्यटन यात्राओं तथा विदेशी पर्यटन यात्राओं के समय इस बात को अनुभव किया है कि इस क्षेत्र में ऐसे स्टूडेंट भी ऊंचाइयों पर पहुँच रहे है, जिन्होंने बचपन से यात्रा प्रबंधन और पर्यटन को करियर बनाने के लिए सपने देखें, फिर अच्छी डिग्रियां ली और वह आगे बढ़ते गए। इन दिनों युवा टूरिज्म सेक्टर में ट्रैवल कंसल्टेंट, टूरिज्म मैनेजर, टूरिज्म रिलेशनशिप मैनेजर, इनबाउंड टूर मैनेजर, टूर एग्जीक्यूटिव, सेल्स मैनेजर, आउटबाउंड एवं डोमेस्टिक टूर मैनेजर, ट्रैवल काउंसलर, आपरेशंस मैनेजर, ट्रैवल बुकिंग एग्जीक्यूटिव ,ट्रैवल एजेंट, टूर गाइड एवं गेस्ट रिलेशन आफिसर आदि के रूप में कार्य शुरू कर सकते हैं।

तेजी से बढ़ते भारतीय पर्यटन उद्योग में बढ़े मौके-

इस समय दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर भारत का पर्यटन उद्योग तेजी से आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रहा है। वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज़्म काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशिया में भारत सबसे बड़ी पर्यटन अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। भारत 2028 तक ट्रैवल एंड टूरिज्म की दृष्टि से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में दिखाई दे सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ट्रैवल एंड टूरिज्म सेक्टर का कारोबार वर्ष 2028 तक करीब 480 अरब डालर हो जाने की संभावना रखता है। पर्यटन क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 2023-24 के केंद्रीय बजट में 1742 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। साथ ही 2030 तक पर्यटन उद्योग के जरिये 56 अरब डालर विदेशी मुद्रा अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया है।

पर्यटन सेक्टर में बढ़ती रैंकिंग के साथ पर्यटन में करियर के नए मौके

निश्चित रूप से भारत में ऐतिहासिक धार्मिक पर्यटन स्थलों के कारण जहां घरेलू पर्यटन में तेज वृद्धि हुई है वहीं जी 20 के सफल आयोजन के बाद भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है । हाल ही में मई 2024 में वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम ने यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक (टीटीडीआई) 2024 जारी किया है। 119 देशों के इस सूचकांक में भारत 39वें स्थान पर है। इसके पहले टीटीडीआई सूचकांक 2019 में भारत काफी नीचे 54वें स्थान पर था। नए टीटीडीआई सूचकांक में भारत पर्यटन से जुड़े कई महत्वपूर्ण संसाधन मापदंडों पर प्रमुख नामचीन पर्यटन प्रधान देशों की सूची में शामिल है। प्राकृतिक मापदंड पर भारत छठें, सांस्कृतिक, कारोबार, चिकित्सा और शिक्षा के लिए यात्रा मापदंडों पर भारत 9वें क्रम पर है। कुछ और ऐसे प्रमुख पर्यटन मापदंड हैं, जिनमें भारत उभर कर दिखाई दे रहा है। इनमें कीमत प्रतिस्पर्धात्मकता के मामले में भारत 18वें, हवाई यातायात की प्रतिस्पर्धात्मकता के मामले में 26वें और जमीनी एवं बंदरगाह बुनियादी ढांचे के मामले में 25वें स्थान पर है। इस पर्यटन सूचकांक के विश्लेषण से यह भी मालूम होता है कि स्वच्छता, स्वास्थ्य, पर्यावरण सततता, इंटरनेट कनेक्टिविटी, और पर्यटन के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव जैसे मापदंडों पर भी भारत ने प्रगति की है। इसमें कोई दो मत नहीं हैं कि देश में घरेलू पर्यटन तेजी से बढ़ रहा है और खासतौर से धार्मिक पर्यटन रिकार्ड ऊंचाइयाँ छू रहा है।

नई पर्यटन नीति से बढ़ेंगे करियर के मौके

इस समय सरकार के द्वारा नई पर्यटन नीति की रणनीति पर आगे बढ़ा जा रहा है ।साथ ही नए पर्यटन सूचकांक 2024 के आधार पर कुछ ऐसी महत्वपूर्ण बातें सामने आती हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर जहाँ भारत अपने घरेलू पर्यटकों की संख्या में वृद्धि कर सकता है। वहीं घरेलू पर्यटन स्थलों पर विदेशी गतंव्य पर्यटन स्थलों की तरह सुविधाएं व सुंदरता निर्मित करके विदेशों में पर्यटन का मोह पाले हुए घरेलू पर्यटकों को आकर्षित करते हुए दिखाई दे सकता है।

नई पीढ़ी के लिए देश में नहीं दुनिया के कोने-कोने के पर्यटन प्रधान देशों में भी करियर के मौके

उल्लेखनीय है कि दुनिया में सबसे अधिक विदेशी पर्यटक प्रमुखतया फ्रांस, स्पेन, अमेरिका, चीन और इटली में जाते हैं। इन प्रमुख वैश्विक पर्यटन देशों के अलावा सिंगापुर, विएयतनाम, थाईलैंड, इंडोनेशिया, हांगकांग, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात (दुबई) जैसे देश भी अपनी कुछ विशिष्टताओं से विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के मामले में भारत से बहुत आगे हैं। ऐसे में स्थिति यह है कि अभी भी दुनिया के कुल विदेशी पर्यटकों का दो फीसदी से भी कम हिस्सा ही भारत के खाते में आ रहा है। यद्यपि पर्यटन उद्योग भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में करीब 6 फीसदी का योगदान करता है लेकिन इसमें सिर्फ 8 करोड़ लोगों को ही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से रोजगार मिला हुआ है। लेकिन दूसरी और पूरी दुनिया में यात्रा प्रबंधन और पर्यटन सबसे बड़े उद्योग और सबसे बड़े कारोबार के रूप में दिखाई दे रहा है और दुनिया के सबसे ज्यादा करियर के मौके इसी सेक्टर में दिखाई दे रहे हैं।

भारत के कई ऐसे अनोखे पर्यटन स्थल है, जो देश में टूरिज्म के विभिन्न आयामों को चमकीली पहचान देते हुए दिखाई दे रहे हैं। भारत की संस्कृति, संगीत, हस्तकला, खानपान से लेकर नैसर्गिक सुंदरता हमेशा से देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती रही हैं। भारत एक ऐसा देश है, जिसके पास हिमालय का सबसे अधिक हिस्सा, विशाल समुद्री तट-रेखा और रेत का रेगिस्तान, कच्छ में सफेद नमक रेगिस्तान, लद्दाख में ठंडे रेगिस्तान, देश के कोने-कोने में टाइगर रिजर्व और यूनेस्कों के द्वारा चिन्हित धरोहर स्थलों समेत अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान जैसी प्राकृतिक विविधताएं हैं। देश के विभिन्न भागों में तटीय पर्यटन, समुद्र तट पर्यटन और आध्यात्मिक पर्यटन, स्थल अपनी चिर-परिचित पहचान बनाए हुए हैं और सभी प्रकार के पर्यटकों को आकर्षित करने की अपार संभावनाएं रखते हैं। इनके अलावा रामायण सर्किट, बुद्ध सर्किट, कृष्णा सर्किट अयोध्या में राम मंदिर, उज्जैन में महाकाल लोक और वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम जैसे आस्था केंद्र स्थल देश व दुनिया के धार्मिक पर्यटकों के कदमों को असाधारण रूप से आकर्षित कर सकते हैं।

गौरतलब है कि इस समय दुनिया के पर्यटन प्रधान देशों और भारत के पड़ोसी पर्यटनों स्थलों वाले प्रसिद्ध देशों में भारतीय पर्यटकों को लुभाने की होड़ लगी हुई है। इन देशों के द्वारा इस बात को अच्छी तरह समझा गया है कि भारतीय मध्यम वर्ग की तेजी से बढ़ती क्रय शक्ति के कारण उनमें विदेश यात्रा की ललक और अभिरुचि बढ़ी है। जहाँ एक ओर विदेशी पर्यटकों के कदम भारत की ओर धीमी गति से बढ़ रहे हैं, वहीं भारतीय पर्यटकों के कदम विदेशों में पर्यटन के लिए छलांगे लगाकर बढ़ रहे हैं। 4 दिसंबर 2023 को सरकार ने लोकसभा में बताया कि वर्ष 2022 में भारत यात्रा पर आए विदेशी पर्यटकों की संख्या 85.9 लाख थी।23 मई 2024 को प्रकाशित रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीयों ने वर्ष 2023-24 में विदेश घूमने पर 17 अरब डॉलर यानी करीब 1.41 लाख करोड़ रुपए खर्च किए, वहीं इसके पूर्व वर्ष 2022-23 में विदेश घूमने पर 13.6 अरब डॉलर खर्च किए गए थे। इस समय दुनिया में भारतीय पर्यटक विदेशी पर्यटन के लिए क्रम 10वाँ था, जबकि वर्ष 2027 तक भारत के पर्यटक विदेशों में भ्रमण के लिए दुनिया में पांचवें क्रम पर होंगे।

वर्ष 2047 तक 1 लाख करोड डॉलर की होगी देश की पर्यटन अर्थव्यवस्था

इसमें कोई दो मत नहीं हैं कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप घरेलू पर्यटकों, धार्मिक पर्यटकों और विदेशी पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए पर्यटन के व्यापक बुनियादी ढांचे और अन्य पर्यटन सुविधाओं को नई वैश्विक पर्यटन सोच के साथ आकार दिया गया है। पर्यटन बजट में लगातार वृद्धि की गई है। भारत ने पिछले वर्ष 2023 में जी-20 की अध्यक्षता के दौरान जी-20 के कार्यसमूह की रणनीतिक रूप से देश के कोने-कोने में 200 से अधिक विभिन्न बैठकों में हिस्सा लेने भारत आए विदेशी प्रतिनिधियों और विदेशी मेहमानों को भारत के पर्यटक स्थलों का भ्रमण करवाकर भारत के बेजोड़ पर्यटन केंद्रों के वैश्विक प्रचार-प्रसार का अभूतपूर्व मौका भी मुठ्ठियों में लिया है। ऐसे में हम उम्मीद करें कि भारत वर्ष 2030 तक विदेशी पर्यटकों से 56 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा अर्जित करने के लक्ष्य को मुठ्ठियों में करते हुए वर्ष 2047 तक एक लाख करोड़ डॉलर की पर्यटन अर्थव्यवस्था के रूप में दुनिया में रेखांकित होते हुए दिखाई दे सकेगा। इसके साथ है घरेलू पर्यटन के तहत भी करियर के मौके छलांगें लगाकर बढ़ाते हुए दिखाई देंगे।

यात्रा प्रबंधन एवं पर्यटन के विभिन्न चमकीले सेक्टर और उनमें करियर

अब भारत के कई ऐसे चमकीले बिंदु है, जो देश में यात्रा प्रबंधन एवं पर्यटन के विभिन्न आयामों को आगे बढ़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं। देश में तरह-तरह के जो विभिन्न पर्यटन तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, इनमें तटीय पर्यटन, समुद्र तट पर्यटन, हिमालय पर्यटन, साहसिक पर्यटन, वन्यजीव पर्यटन, पर्यावरण पर्यटन, विरासत पर्यटन, आध्यात्मिक पर्यटन, विवाह स्थल, पर्यटन, खेल पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक विरासत पर्यटन, योग, आयुर्वेद एवं चिकित्सा पर्यटन आदि तेजी से बढ़ रहे। देश में जिस तेजी से ये विविध पर्यटन बढ़ रहे हैं, उतनी ही तेजी से इस सेक्टर में करियर के नए-नए चमकीले अवसर निर्मित होते हुए दिखाई दे रहे हैं।

यात्रा प्रबंधन एवं पर्यटन के विभिन्न क्षेत्रों में बहुआयामी मौके

यात्रा प्रबंधन एवं टूरिज्म इंडस्ट्री में सरकारी पर्यटन विभाग, इमिग्रेशन एंड कस्टम, ट्रैवल एजेंसीज, एयरलाइंस, टूर ऑपरेटर, होटल, एयरलाइन, कैटरिंग, गाइड, दुभाषिए, टूरिज्म प्रमोशन एवं सेल्स जैसी सेवाएँ शामिल होती हैं। इन सभी पर्यटन से जुड़े कार्यों करियर के मौके बढ़ रहे हैं।

यात्रा प्रबंधन एवं पर्यटन सेक्टर में करियर की जरूरी स्किल्स

जो युवा टूरिज्म सेक्टर में करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए इस सेक्टर से संबंधित किसी डिग्री-डिप्लोमा के साथ-साथ कुछ विशेष स्किल्स जरूरी हैं। वाकपटुता, मिलन सारिता, प्रकृति, पुरातत्व और यात्रा में रुचि, परिश्रम, नम्रता, अच्छा कम्प्यूटर नॉलेज, हिन्दी, क्षेत्रीय भाषा एवं अंग्रेजी में दक्षता, भौगोलिक ज्ञान, विदेशी मुद्रा विनिमय संबंधी जानकारी इस सेक्टर में करियर के लिए लाभप्रद हैं।

यात्रा प्रबंधन एवं पर्यटन में करियर से संबंधित विभिन्न कोर्स

टूरिज्म में बैचलर डिग्री कोर्स, सर्टिफिकेट कोर्स और डिप्लोमा कोर्स करने हेतु किसी भी विषय समूह से 12वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। टूरिज्म इंडस्ट्री में फुल टाइम कोर्सेज के अलावा शॉर्ट टर्म कोर्स के विकल्प भी मौजूद हैं। बैचलर कोर्स तीन साल के और पीजी कोर्स दो साल के होते हैं। कई संस्थानों द्वारा सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी कराए जाते हैं। टूरिज्म से जुड़े कुछ प्रमुख कोर्स इस प्रकार हैं- बैचलर ऑफ टूरिज्म एडमिनिस्ट्रेशन, बैचलर ऑफ टूरिज्म स्टडीज, मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी मैनेजमेंट, एमए इन टूरिज्म मैनेजमेंट, टूरिज्म से जुड़े एक वर्षीय शॉर्ट टर्म डिप्लोमा कोर्स इस प्रकार हैं- एयरलाइन टिकटिंग, एयरलाइन ग्राउंड ऑपरेशंस, ग्राउंड सपोर्ट एंड एयरपोर्ट मैनेजमेंट, गाइडिंग एंड स्कॉटिंग, कार्गो मैनेजमेंट, एयरपोर्ट लॉजिस्टिक मैनेजमेंट आदि। टूरिज्म पीजी डिप्लोमा कोर्स या पीजी स्तर के कोर्स के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक है। इस कोर्स में किसी भी विषय या स्ट्रीम के छात्र दाखिला ले सकते हैं।

यात्रा प्रबंधन एवं पर्यटन कोर्स कहाँ से करें

देश और प्रदेश के कोने-कोने में यात्रा प्रबंधन एवं पर्यटन का कोर्स कराने के लिए सरकारी एवं प्रायवेट सेक्टर में कई संस्थान कार्यरत हैं। आप अपनी उपयुक्तता के अनुरूप किसी अच्छे गुणवत्तापूर्ण संस्थान से टूरिज्म का कोई उपयुक्त कोर्स करके अच्छे करियर की डगर पर आगे बढ़ सकते हैं।

डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर) 111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)