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यकीनन देश में शेयर बाजार की तेजी से बढ़ती नई ऊँचाई शेयर बाजार में करियर अवसरों को तेजी से बढ़ाते हुए दिखाई दे रही है। यह कोई छोटी बात नहीं है कि 10 वर्ष पहले बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का जो सेंसेक्स करीब 25 हजार अंकों पर था, वह 12 जून 2024 को 76,600 से भी अधिक ऊँचाई पर पहुँच गया। यह कोई छोटी बात नहीं है कि बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण पांच लाख करोड़ ड़ॉलर के पार पहुंचने के साथ ही भारत इस मुकाम तक पहुँचने वाला दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा देश बन गया है। कोरोनाकाल के बाद भारतीय घरेलू खुदरा निवेशकों की रूचि शेयर बाजार में बढ़ी है।
म्यूचुअल फंड में निवेश और रोजगार अवसर
वस्तुतः शेयर बाजार के प्रति लोगों के आकर्षण में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। ऐसे लोग जिन्हें शेयर बाजार की समझ नहीं है या कम है, मगर बाजार की तेजी का फायदा उठाना चाहते हैं, वे समझ गए हैं बैक के बचत खाते या एफडी से कहीं ज्यादा रिटर्न उन्हें शेयर बाजार से मिल सकता है। पिछले 10 साल में डीमेंट अकाउंट 2.3 करोड़ से बढ़कर 15 करोड़ हो गए हैं और म्यूचुअल फंड-निवेशकों की संख्या 1 करोड़ से बढ़कर 4.5 करोड़ हो गई है। लाखों छोटे निवेशक आज उत्साहपूर्वक बाजार से जुड़े हैं। भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार है और वैश्विक निवेशकों का भरोसा भी भारत के शेयर बाजार पर बढ़ा है।
उल्लेखनीय है कि जून 2024 में एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में म्यूचुअल फंड एक साल से भी कम समय में 10 लाख करोड़ रुपये जोड़ने के करीब है। इतना ही नहीं म्यूचुअल फंड संपत्ति में यह अब तक की सबसे तेज वृद्धि है। सन् 1964 में अपनी स्थापना के बाद से फंड उद्योग को पहली 10 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति बनाने में पांच दशक का समय लगा जबकि इसने छह महीने से भी कम समय में अंतिम 9 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति जोड़ दी है। आंकड़ों के मुताबिक, मई 2024 में, इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई और यह 34,697 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। अप्रैल 2024 की तुलना में इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश में 83.42 प्रतिशत का उछाल आया है। अप्रैल में यह 18,917 करोड़ रुपये था। एक साल पहले की समान अवधि यानी अप्रैल 2023 में यह 3,240.30 करोड़ रुपये था। आंकड़े बताते है कि निवेशकों ने स्मॉल और मिड-कैप को प्राथमिकता देना जारी रखा है। मई में, इक्विटी म्यूचुअल फंडों का एयूएम 25,39,777.74 करोड़ रुपये हो गया। इस तरह से म्यूचुअल फंड के तेजी से बढ़ने से शेयर बाजार में रोजगार के मौकें भी बढ़ रहे हैं।
उदारीकरण और निजीकरण के दौर से बढ़े शेयर बाजार और रोजगार मौके
निश्चित रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था में उदारीकरण से निवेश की प्रवृत्ति का विकास हुआ है। शेयर बाजार में निवेशकों की बढ़ती रुचि के परिणामस्वरूप ही इन बाजारों में रोजगार के अवसरों में भारी इजाफा हुआ है। अगर देखा जाए तो किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य का अंदाजा मौजूदा समय में उसके शेयर बाजार के सूचकांक के उतार-चढ़ाव के आधार पर लगाया जा सकता है। शेयर बाजार किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का आईना है। यही वजह है कि आज यह क्षेत्र रोजगार के एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरा है। देश की विकास दर बढ़ने की संभावनाओं के कारण शेयर बाजार में देशी-विदेशी निवेशकों के कदम तेजी से आगे बढ़े हैं। छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों से निवेशकों की संख्या में वृद्धि हुई है। लोगों को यह समझ में आने लगा है कि शेयर बाजार कोई जुआघर नहीं है, यह तो देश की अर्थव्यवस्था की चाल को नापने का एक आर्थिक बैरोमीटर है।
नई सरकार से शेयर बाजार में तेजी की उम्मीदें
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्व में नई एनडीए की गठबंधन सरकार को आर्थिक परिवेश की अच्छी विरासत मिली है और अब नई सरकार को जिस तरह से गठबंधन का समर्थन मिला है, वह शेयर बाजार के लिए उत्साहवर्द्धक है। विगत 10 वर्षों से भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्थिर, मजबूत और प्रभावी सरकार के कारण अर्थव्यवस्था को बेहतर करते हुए आगे बढ़ा है। जहां पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में विकास दर 8 प्रतिशत से अधिक है, वहीं यह आगामी दशक तक 6.5 से 7 प्रतिशत के स्तर पर दिखाई देगी। विभिन्न आर्थिक रिपोर्टों में इस बात को रेखांकित किया जा रहा है कि भारत में वर्ष 2023-24 में प्रत्यक्ष कर (डायरेक्ट) संग्रह 17.7 फ़ीसदी बढ़कर 19 .58 लाख करोड रुपए हो गया है। इसी तरह से 2023- 24 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) उच्चतम स्तर पर रहा है। इसका आकार 20.18 लाख करोड रुपए रहा है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 11.7 फ़ीसदी अधिक है। कर संग्रह के ये चमकीले आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज उछाल और व्यक्तियों तथा कॉरपोरेट सेक्टर की आमदनी में वृद्धि को दर्शाते हैं।
क्रेडिट रेटिंग बढ़ने से और बढ़ेंगे शेयर बाजार और करियर मौके
हाल ही में दुनिया की प्रसिद्ध क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसऐंडपी ने भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि, तेज आर्थिक सुधार और बढ़ती राजकोषीय मजबूती के मद्देनजर भारत की रेटिंग को स्थिर यानी स्टेबल से बदलकर पॉजिटिव कर दिया है। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि पिछले तीन साल में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की औसत वास्तविक वृद्धि दर 8.1 फीसदी सालाना रही है और अब यह विकास दर अगले तीन साल में लगातार 7 फीसदी के करीब होगी। दुनिया के प्रसिद्ध इन्वेस्टमेंट बैंकर गोल्डमैन सैक्स ने अपनी नई रिपोर्ट में कैलेंडर वर्ष 2024 में भारत की विकास दर को बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। चालू वित्त वर्ष में विकास दर बढ़ने संबंधी अन्य महत्वपूर्ण नई रिपोर्टों के तहत अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष- आईएमएफ ने 6.8 प्रतिशत, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 7 प्रतिशत तथा विश्व बैंक ने 7.5 प्रतिशत विकास दर रहने के अनुमान व्यक्त किए हैं। अब आर्थिक मजबूती से देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में वृद्धि होगी। यह देश की उत्पादक क्षमता बढ़ाएगा और वृद्धि की संभावनाओं को बेहतर करेगा। इससे भारत में कारोबारी माहौल में सुधार होगा। यह सुधार उन घरेलू निवेशकों को भी बड़े पैमाने पर निवेश बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा जो अभी किनारे बैठकर निवेश करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इससे शेयर बाजार भी बढ़ेगा।
शेयर बाजार में स्वरोजगार-रोजगार के मौकों का विस्तार
निसंदेह शेयर बाजार स्वरोजगार और रोजगार का अच्छा माध्यम बन गया है। शेयर बाजार के कायदे-कानून अभी भी जटिल हैं और शुरआत में इन्हें आम आदमी के लिए समझ पाना मुश्किल भरा काम होता है। चूँकि अभी शेयर बाजार की प्रक्रिया को आम आदमी के लिए समझ पाना आसान नहीं है, जिसके चलते आम आदमी के द्वारा शेयर बाजार में निवेश करने के लिए प्रशिक्षित पेशेवर विशेषज्ञ व्यक्तियों की जरूरत पड़ती है। इसलिए इस क्षेत्र में कंसल्टेंसी के रूप में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर हैं।
शेयर बाजार मे ट्रेडिंग करने के लिए पहले डीमैट अकाउंट खुलवाना होता है। इस अकाउंट से ब्रोकर को आर्डर देकर या ऑनलाइन स्वयं का शेयर कारोबार किया जा सकता है। ऐसे में ब्रोकर और सब ब्रोकर के अलावा मार्केट एनालिस्ट, रिसर्च एनालिस्ट या इक्विटी रिसर्चर के तौर पर भी रोजगार के अवसर हैं। इंवेस्टमेंट बैंक, म्युचुअल फंड कंपनियाँ, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट, फाइनेंशियल वेबसाइट, स्टॉक ब्रोकिंग फर्म आदि में भरपूर रोजगार उपलब्ध हैं। फाइनेंशियल एनालिस्ट एंड स्पेशलिस्ट, इंडस्ट्री स्पेशलिस्ट, कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट, इन्वेस्टमेंट एंड फायनेंशियल प्लानर्स जैसे कार्यों से जुडक़र अच्छी खासी कमाई की जा सकती है। तमाम म्यूचुअल फंड और वित्तीय कंपनियाँ बाजार के नए ट्रेंड पर नजर रखने के लिए कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट और सिक्यूरिटीज एनालिस्ट की नियुक्तियाँ करती हैं। ऑनलाइन कारोबार होने के कारण एक जगह बैठे-बैठे देश ही नहीं अपितु दुनिया के किसी भी स्टॉक मार्केट में डीलिंग की जा सकती है।
शेयर बाजार में करियर के लिए जरूरी स्किल्स
इसमें कोई दो मत नहीं है कि शेयर बाजार में करियर के लिहाज से कुछ खास स्किल्स जरूरी हैं। शेयर बाजार के विश्लेषण संबंधी योग्यता पहली जरूरत है। इस क्षेत्र में बेहतर भविष्य के लिए तेज तर्रार व्यक्तित्व, तुरंत निर्णय लेने में सक्षमता, मार्केट की समझ के साथ-साथ ग्राहक को डील करने के हुनर में माहिर होना लाभप्रद है। इसके अलावा इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए कम्प्यूटर व इंटरनेट के इस्तेमाल में भी महारत हासिल होनी जरूरी है। अंग्रेजी का ज्ञान इस क्षेत्र के लिए अतिरिक्त योग्यता के रूप में देखा जाता है। अगर शैक्षिक योग्यता की बात करें तो वाणिज्य, अर्थशास्त्र, गणित व विज्ञान विषय के छात्रों के लिए यह शेयर बाजार उम्दा कार्यक्षेत्र है। शेयर बाजार से संबंधित विशेष सर्टिफिकेट कोर्स भी लाभप्रद होते हैं।
शेयर बाजार से संबंधित विभिन्न करियर कोर्स
चूँकि शेयर बाजार का करियर वित्तीय निवेश से जुड़ा क्षेत्र है, इसलिए यदि आपकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि वित्त, अर्थशास्त्र या व्यवसाय प्रबंधन से जुड़ी है, तो शेयर बाजार के लिए समझ अधिक अच्छी होगी। यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि शेयर मार्केट में अपार संभावनाओं के मद्देनजर विभिन्न विश्वविद्यालयों व संस्थानों में इससे संबंधित सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री और पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों का संचालन तेजी से बढ़ा है। शेयर बाजार में रोजगार पाने के इच्छुक अभ्यर्थी मुख्य रूप से कैपिटल मार्केट, डीलर मॉड्यूल व डैरिवेटिव्स फोर मॉड्यूल, सर्टिफिकेट प्रोग्राम ऑन कैपिटल मार्केट, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन सर्टिफिकेट इंटरनेशनल इंवेस्टमेंट एनालिस्ट व कैपिटल मार्केट में पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा कर सकते हैं।
देश में शेयर बाजार से संबंधित विभिन्न रोजगारोन्मुखी कोर्स देश के विभिन्न स्टॉक एक्सचेंज सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में उपलब्ध हैं। शेयर बाजार से संबंधित पाठ्यक्रमों के लिए द मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ट्रेडिंग इंस्टीट्यूट, मुंबई। द इंस्टीट्यूट ऑफ कैपिटल मार्केट डेवलपमेंट, नई दिल्ली। यूटीआई इंस्टीट्यूट ऑफ कैपिटल मार्केट, नवी मुंबई भी प्रमुख स्थान रखते हैं। शेयर बाजार से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रमों की जानकारी हेतु बीएसई ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, 18-19 वाँ फ्लोर, बीएसई, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड,पी.जे. टॉवर,दलाल स्ट्रीट, मुंबई-01 से संपर्क किया जा सकता है।
शेयर बाजार में करियर के लिए सर्टिफिकेशन और विशेषज्ञता की अहमियत
यह बात भी महत्वपूर्ण है कि एनआइएसएम, एनसीएफएम, सीएफए और सीएमटी जैसे प्रमाणपत्रों और पाठ्यक्रमों के माध्यम से वित्तीय विश्लेषण व पोर्टफोलियो प्रबंधन में विशेषज्ञता हासिल करनी होगी। यह सर्टिफिकेशन पूरा करने के बाद ब्रोकरेज फर्मों, वित्तीय संस्थानों या निवेश बैंकों में इंटर्नशिप भी करनी चाहिए, इससे व्यावहारिक अनुभव और नेटवर्किंग के अवसर मिलते हैं। आजकल बहुत से संस्थानों की ओर से पीजी प्रोग्राम इन सिक्योरिटीज मार्केट, एडवांस डिप्लोमा इन स्टाक मार्केट जैसे शेयर बाजार से जुड़े प्रोफेशनल कोर्स भी कराए जा रहे हैं, जो आप अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से कर सकते हैं। शेयर बाजार/स्टाक मार्केट/स्टाक एक्सचेंज से जुड़े क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए समुचित कोर्स करने के अलावा आपको इसकी बारीकियां सीखने पर भी ध्यान देना होगा। शेयर बाजार और इससे संबंधित स्टार्टअप्स/ फर्म्स में शुरुआती स्तर पर वेतन पैकेज युवा पेशेवरों के कौशल और विशेषज्ञता के अनुसार भिन्न-भिन्न होते हैं ।साथ ही यह आपकी भूमिका और कंपनी के मार्केट साइज पर भी निर्भर करता है।
शेयर बाजार में करियर के लिए ऐसे बढ़े आगे
ऐसे में यदि आप भी शेयर बाजार में करियर बनाना चाहते हैं तो अपनी उपयुक्तता के अनुरूप किसी गुणवत्तापूर्ण संस्थान से शेयर बाजार संबंधी कोई उपयुक्त कोर्स करके शेयर बाजार में करियर की डगर पर आगे बढ़ सकते हैं।
डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर)
111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)