NCERT ने सिख इतिहास और मराठा विरासत को समुचित स्थान दिया
एनसीईआरटी ने कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की किताब "Exploring Society – India and Beyond" के 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए नया संस्करण तैयार किया है। इसमें अब सिख और मराठा इतिहास के साथ-साथ कई क्षेत्रीय और भूले-बिसरे राजाओं को भी स्थान दिया गया है।
सिख और मराठा इतिहास पर विस्तृत अध्याय
नई किताब में अब गुरु नानक की आध्यात्मिक यात्रा, गुरु गोबिंद सिंह के सैन्य प्रतिरोध, खालसा पंथ की स्थापना, और गुरु तेग बहादुर की शहादत जैसे विषयों को समर्पित अध्याय जोड़े गए हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि 19वीं सदी के मध्य तक सिख साम्राज्य ने ब्रिटिश हुकूमत का डटकर विरोध किया।
मराठाओं पर पहले केवल डेढ़ पेज की जानकारी थी, अब 22 पेज का विस्तृत इतिहास पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इसमें छत्रपति शिवाजी के उदय, रायगढ़ में ताजपोशी, गुरिल्ला युद्धनीति, प्रशासन और स्वराज की अवधारणा को शामिल किया गया है।
इसके अलावा संभाजी, राजाराम, शाहूजी, ताराबाई, बाजीराव प्रथम, महादजी सिंधिया और नाना फडणवीस जैसे मराठा नेताओं के जीवन पर भी विस्तृत अध्याय जोड़े गए हैं।
क्षेत्रीय और भूले-बिसरे शासकों पर फोकस
नई किताब में इन क्षेत्रीय शासकों को भी शामिल किया गया है:
- नरसिंहदेव प्रथम (1238–1264 ई.) – कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण इन्हीं के काल में हुआ।
- रानी अबक्का प्रथम और द्वितीय
- त्रावणकोर के शासक मार्तंड वर्मा
मुगल शासन की नई व्याख्या
मुगल शासकों पर आधारित अध्यायों में भी परिवर्तन किए गए हैं। अब किताब में यह बताया गया है कि अकबर का शासन सहिष्णुता और क्रूरता का मिश्रण था, जबकि औरंगजेब एक सैन्य शासक था जिसने गैर-इस्लामी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाए और गैर-मुसलमानों पर कर लगाया।
इन बदलावों के माध्यम से विद्यार्थियों को एक संतुलित और व्यापक ऐतिहासिक दृष्टिकोण प्रदान किया जाएगा।