स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025: इंदौर देश का सबसे स्वच्छ हवा वाला शहर
दस लाख से अधिक आबादी वाले देश के बड़े शहरों में इंदौर ने एक बार फिर अपनी चमक बिखेरी है। अब वह देश का सबसे स्वच्छ शहर के बाद देश का सबसे स्वच्छ हवा वाला शहर भी बन गया है।
इसके साथ ही आद्रभूमियों के बेहतर संरक्षण के लिए शुरू की गई पहली प्रतिस्पर्धा में भी इंदौर ने देश के सर्वश्रेष्ठ आद्रभूमि शहर का खिताब जीता है।
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में अन्य शीर्ष शहर
- दूसरा स्थान: जबलपुर
- तीसरा स्थान (समान अंक): आगरा और सूरत
वर्ष 2024 में सूरत पहले, जबलपुर दूसरे और आगरा तीसरे स्थान पर थे। उस समय इंदौर छठे स्थान पर था। इस वर्ष 9 सितंबर को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत 130 शहरों के लिए यह सर्वेक्षण जारी किया गया।
शहरों की भागीदारी
दस लाख से अधिक आबादी वाले 48 शहरों ने हिस्सा लिया, जिनमें इंदौर पहले, जबलपुर दूसरे और आगरा व सूरत तीसरे स्थान पर रहे।
श्रेणियों अनुसार टॉप शहर
- 10 लाख से अधिक: इंदौर (1), जबलपुर (2), आगरा व सूरत (3)
- 3 से 10 लाख: अमरावती (1), मुरादाबाद (2), झांसी व अलवर (3)
- 3 लाख से कम: देवास (1), परवाणू (2), अंगुल (3)
रैंकिंग के मानक
रैंकिंग वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए उठाए गए कदमों और प्राप्त परिणामों पर आधारित थी। प्रमुख बिंदु थे:
- कचरे को जलाने से रोकथाम
- सड़कों की धूल को कम करना
- निर्माण स्थलों की सफाई और धूल नियंत्रण
- वाहन प्रदूषण में कमी के उपाय
- औद्योगिक प्रदूषण पर नियंत्रण
- PM-10 स्तरों में कमी
आद्रभूमि (Wetland) रैंकिंग
देश की 91 रामसर साइट्स के रखरखाव को लेकर पहली बार रैंकिंग जारी की गई, जिसमें इंदौर पहले और उदयपुर दूसरे स्थान पर रहा।
पर्यावरण मंत्री का वक्तव्य
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि इस सर्वेक्षण से देश के 25 शहरों में वायु गुणवत्ता में 40% तक सुधार हुआ है। शीर्ष शहरों को नकद पुरस्कार व प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।
पुरस्कार राशि का विवरण
- 10 लाख से अधिक आबादी:
- पहला स्थान: ₹1.50 करोड़
- दूसरा स्थान: ₹1 करोड़
- तीसरा स्थान: ₹25 लाख
- 3 से 10 लाख:
- पहला स्थान: ₹75 लाख
- दूसरा व तीसरा: ₹25-25 लाख
- 3 लाख से कम:
- पहला स्थान: ₹37.5 लाख
- दूसरा स्थान: ₹25 लाख
- तीसरा स्थान: ₹12.5 लाख
शीर्ष शहरों की प्रमुख पहल
- इंदौर (200 अंक): एक दिन में 16 लाख पौधरोपण का विश्व रिकॉर्ड, 120 इलेक्ट्रिक और 150 सीएनजी बसें चालू
- जबलपुर (199 अंक): 11 मेगावाट कचरे से बिजली उत्पादन संयंत्र
- आगरा (196 अंक): बड़े पैमाने पर कचरा निस्तारण, जापानी तकनीक से घना पौधरोपण