भारत बनेगा रोबोटिक्स का हब, वित्तीय मदद भी देगी सरकार

सेमीकंडक्टर के बाद भारत अब रोबोटिक्स का बड़ा निर्माता बनने वाला है और इसकी तैयारी शुरू हो गई है। 13 अक्टूबर को इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी राज्य मंत्री ने रोबोटिक्स के लिए राष्ट्रीय रणनीति का मसौदा जारी किया। आगामी 31 अक्टूबर तक इस मसौदे पर स्टेकहोल्डर्स राय दे सकेंगे।

भारत रोबोटिक्स के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करना चाहता है। मैन्यूफैक्चरिंग, कृषि, स्वास्थ्य व राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में मुख्य रूप से रोबोटिक्स का इस्तेमाल किया जाएगा। रोबोट बनाने से लेकर रोबोटिक्स को अपनाने तक के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। रोबोट के निर्माण के लिए जरूरी कच्चे माल के लेकर इस सेक्टर में अनुसंधान व विकास के लिए एक पूरा इकोसिस्टम तैयार किया जाएगा। इस प्रकार के काम के लिए रोबोटिक्स इनोवेशन यूनिट (आरआईयू) की स्थापना की जाएगी।

यह भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन स्वतंत्र एजेंसी के रूप में काम करेगी। घरेलू स्तर पर रोबोटिक्स से जुड़ी वैल्यू चेन को स्थापित करने, फंडिंग व संस्थागत मदद जैसे सभी प्रकार के काम आरआईयू करेगी। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रोबोटिक्स (आईएफआर) के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में 30 लाख औद्योगिक रोबोट मैन्यूफैक्चरिंग के कार्य से जुड़े हैं। इनमें से 78 प्रतिशत रोबोट चीन, जापान, अमेरिका, जर्मनी व दक्षिण कोरिया में काम कर रहे हैं।

औद्योगिक क्षेत्र में रोबोट के इस्तेमाल में चीन सबसे आगे है। चीन ने वर्ष 2022 में 2.7 लाख से अधिक रोबोट को अपने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से जोड़ा है। भारत में सभी सेक्टर को मिलाकर लगभग 33,000 रोबोट कार्यरत है।