भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते को लागू होने में लग सकता है एक साल
भारत और ब्रिटेन के बीच 24 जुलाईलंदनमुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लागू होने में करीब एक सालब्रिटेन की सरकार को इस एफटीए को अपनी संसद के दोनों सदनों में पेश करना होगा और स्वीकृति लेनी होगी।
ब्रिटेन में सेलेक्ट कमेटी करेगी समीक्षा
ब्रिटेन की संसद में पेश करने से पहले यह समझौता सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाएगा। जबकि भारत में एफटीए लागू करनेकैबिनेट की मंजूरीएफटीए के अमल की तिथि
सरकारें जल्दी अमल की कोशिश करेंगी
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने बताया कि ब्रिटेन मानता है कि भारत के साथ यह एफटीए उनकी अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी होगा, इसलिए वह एक साल से पहले
निर्यातकों को उत्पादों को तैयार करने का मिलेगा समय
एफटीए लागू होने के बाद दोनों देशों के बीच शुल्कएक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल
निर्यातकों को इस दौरान अपनी उत्पादन क्षमतागुणवत्ताब्रिटेन के बाजार
भारत की हिस्सेदारी अभी बहुत कम
ब्रिटेन $37.52 अरब के कृषि उत्पादों का आयात करता है, जिसमें भारत की हिस्सेदारी केवल $81 करोड़$5.4 अरब आयात में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 2.2% है।
प्रोसेस्ड फूड्स के $50 अरब के आयात में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ $31 करोड़तीन वर्षों में भारतीय कृषि निर्यात दोगुना हो सकता है, यदि गुणवत्ता में सुधार किया जाए।
गुणवत्ता जांच के बाद ही होगा निर्यात
एफटीए के अनुसार, ब्रिटेन के गुणवत्ता मानकों के अनुरूप भारत में जांचलैब स्थापितविश्वस्तरीय गुणवत्ता
एफटीए से मिलेगी व्यापार में स्थिरता
एफटीए का सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि शुल्क और नीतिस्थिरतादीर्घकालिक योजनाएं बना सकते हैं।
ब्रिटेन स्टील उत्पादों पर लगा सकता है शुल्क
कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (CBAM) के तहत ब्रिटेन 2027 से भारतीय स्टील उत्पादों पर शुल्क लगा सकता है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि ब्रिटेन ऐसा करता है, तो भारत प्रतिस्पर्धात्मक शुल्क