मध्यप्रदेश में मत्स्य पालन को उद्योग का दर्जा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 20 जुलाई को उज्जैन में राज्य स्तरीय निषादराज सम्मेलन के दौरान घोषणा की कि मध्यप्रदेश में मत्स्य पालन को उद्योग का दर्जा दिया जाएगा। इससे मछुआ समुदाय को अन्य उद्योगों की तरह सभी सुविधाएं प्राप्त होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब मछली पालन पारंपरिक कार्य न रहकर एक आधुनिक उद्योग बन चुका है। इसमें निवेश बढ़ेगा, उत्पादन में वृद्धि होगी और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
इस अवसर पर ₹22.65 करोड़ की लागत से 453 स्मार्ट फिश पार्लर और ₹92 करोड़ की लागत से इंदिरा सागर बांध में 3360 केज परियोजना का वर्चुअल भूमि पूजन भी किया गया।
भोपाल में ₹40 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक एक्वा पार्क का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही मछुआरों को 430 मोटरसाइकिलें प्रदान की गई हैं, जिनमें आइस बॉक्स भी लगे हैं।
वर्तमान में प्रदेश में 4.4 लाख हेक्टेयर भूमि पर मछली पालन हो रहा है और वर्ष 2024-25 में मछली उत्पादन 3.81 लाख मैट्रिक टन तक पहुंच गया है।
प्रदेश सरकार ₹217 करोड़ की लागत से मछली बीज उत्पादन के लिए आधुनिक हैचरी बनाएगी, जिससे बंगाल पर निर्भरता समाप्त होगी। इसके अलावा, सिंचाई रकबा बढ़ाकर मत्स्य पालन को और अधिक प्रोत्साहित किया जाएगा।