सीबीएसई स्कूलों में लगेंगे ऑयल बोर्ड, बच्चों को बताएंगे वसा की मात्रा
15 जुलाई, नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने देशभर के अपने सभी संबद्ध स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे कैफेटेरिया, लॉबी और मीटिंग रूम में ऑयल बोर्ड लगाएं। इन बोर्ड्स के माध्यम से कचोरी, समोसा, वेफर (आलू और केले के चिप्स), बड़ा पाव, फ्रेंच फ्राइज जैसे डीप फ्राइड खाद्य पदार्थों में मौजूद वसा (फैट) की मात्रा को चित्र सहित प्रदर्शित किया जाएगा।
इस पहल का उद्देश्य बच्चों और किशोरों को मोटापे से बचाना है, जो आजकल के खानपान में तले हुए पदार्थों के अधिक सेवन के कारण तेजी से बढ़ रहा है।
स्वस्थ जीवनशैली के लिए सीबीएसई का नया निर्देश
CBSE ने 15 जुलाईशुगर बोर्ड की तर्ज पर यह ऑयल बोर्ड लगाए जाएं ताकि छात्रों को सही जानकारी दी जा सके और स्वस्थ विकल्प चुनने की प्रेरणा मिले।
व्यायाम और पैदल चलने को बढ़ावा
नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया है कि व्यायाम और पैदल चलने को प्रोत्साहित किया जाए। कुछ महत्वपूर्ण सुझावों में शामिल हैं:
- स्कूल समय में छोटे एक्सरसाइज ब्रेक शामिल किए जाएं
- पैदल चलने के लिए फुटपाथ और रास्तों को सुविधाजनक बनाया जाए
- स्कूल की स्टेशनरी और प्रकाशनों पर स्वास्थ्य संदेश प्रकाशित किए जाएं
विशेषज्ञों की राय: घर से शुरू हो स्वास्थ्य
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने कहा कि इस फैसले से अभिभावकों को भी सीख लेनी चाहिए और वे अपने बच्चों को टिफिन में पौष्टिक भोजन भेजें, जिससे मोटापे से बचा जा सके।
शहरी इलाकों में चिंताजनक मोटापा दर
ताजा आंकड़ों के अनुसार, हर 5 में से 1 शहरी व्यक्ति मोटापे का शिकार है। वर्ष 2021 में देश में 18 करोड़ लोग मोटापे से जूझ रहे थे, और अब यह आंकड़ा 20 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है। वर्ष 2050 तक यह संख्या 44.9 करोड़ तक पहुंच सकती है, जिससे भारत वैश्विक मोटापा भार (Global Burden) में दूसरे स्थान पर आ सकता है।
सीबीएसई की यह पहल स्कूल स्तर पर स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक प्रभावी कदम है।