BLOG

जल प्रबंधन एवं जल विज्ञान में करियर के मौके


यकीनन जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। वर्ष-प्रतिवर्ष देश और दुनिया में जल संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंडिया वाटर वीक के 7वें संस्करण का उद्घाटन करते हुए कहा कि आगामी दशकों में जहाँ भारत की आबादी के तेज गति से बढ़ने का अनुमान है, वहीं जल की कमी के मद्देनजर वाटर मैनेजमेंट और वॉटर साइंस सिस्टम की जरूरत होगी। इंडिया वॉटर वीक के दौरान दुनियाभर से दो हजार से अधिक प्रतिभागियों ने जल संरक्षण, नदियों में कम होता पानी आदि विषयों पर अपने शोधपत्र प्रस्तुत करते हुए जल की एक-एक बूंद की सुरक्षा के उपाय खोजे हैं। ऐसे में जल प्रबंधन और जल विज्ञान (वॉटर मैनेजमेंट एंड वॉटर साइंस) से जुड़कर आकर्षक करियर बनाया जा सकता है।

जल संकट से बढ़ी जल प्रबंधन और जल विज्ञान की अहमियत

ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन के कारण जल संरक्षण आज पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है। संयुक्त राष्ट्र विश्व जल विकास रिपोर्ट-2022 के अनुसार, जलधाराओं, झीलों एवं मानव-निर्मित जलाशयों से ताजे जल की तेजी से निकासी के साथ विश्व भर में जल की कमी को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुमान के अनुसार 2025 तक तक़रीबन 4 अरब लोग पानी की कमी की समस्या से ग्रस्त हो जायेंगे। इसीलिए जल संचयन को मौजूदा समय की सबसे बड़ी जरूरत के तौर पर देखा जा रहा है। हमारे देश की, आबादी विश्व की लगभग 17 प्रतिशत है, पर विश्व के ताजे जल संसाधनों का मात्र 4 प्रतिशत ही भारत के पास है। नीति आयोग के मुताबिक वर्ष 2030 तक देश में पानी की मांग उपलब्ध आपूर्ति की तुलना में दोगुनी हो जाएगी। ऐसे में भारत को अपने जल का बेहतर प्रबंधन करना होगा।

जल प्रबंधन एवं जल विज्ञान में करियर के विविध आयाम

निश्चित रूप से जल प्रबंधन और जल विज्ञान में करियर के बहुआयामी मौके हैं। जल के संचयन और संरक्षण के लिए सरकारी नीतियों और नियमों के तहत जल संसाधनों का अधिकतम व गुणवत्तापूर्ण उपयोग, जल प्रबंधन के तहत कल-कारखानों और प्रदूषित नदियों के पानी को पीने योग्य बनाना, सूखाग्रस्त एवं रेतीले क्षेत्रों में पानी की खोज और प्रबंधन, पानी के संग्रह या वर्षा जल के संचयन के लिए संसाधनों का निर्माण जैसे जल से जुड़े विभिन्न बढ़ते कामों से जल प्रबंधन और जल विज्ञान के तहत विभिन्न करियर के मौके निर्मित हुए हैं। ऐसे में वाटर साइंटिस्ट, एनवॉयर्नमेंट इंजीनियर से लेकर हाइड्रो जियोलॉजिस्टच, कंसल्टेंट, वाटर मैनेजर, बनकर आकर्षक करियर बनाया जा सकता है। पर्यावरण एवं पानी के मुद्दे पर काम कर रहे कई स्टार्टअप भी वाटर टेस्टिंग, वाटर मीटरिंग आदि क्षेत्रों में मौके प्रदान कर रहे हैं। एनर्जी सेक्टर की तरह वाटर कंजर्वेशन और वाटर मैनेजमेंट भी ग्रीन जॉब्स माने जाते हैं। जल प्रबंधन में कुशल लोगों को वाटर रिसोर्सेज बोर्ड्स, एनवॉयर्नमेंट प्रोटेक्श्न कंपनियों, वाटर हार्वेस्टिंग बोर्ड तथा एग्रीकल्चर कंसल्टेंसी जैसे करियर के मौके सरलता से मिल जाते हैं। रियल एस्‍टेट सेक्टर भी पानी के प्रबंधन की योजना बनाने के लिए या हाउसिंग काम्पलेक्स के पानी की रिसाइकिलिंग और रीयूज के लिए वाटर मैनेजमेंट पृष्ठभूमि के प्रोफेशनल्स की सेवाएं ले रहे हैं। इसके अलावा कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में अध्यापन के भी अच्छे मौके हैं ।

जल प्रबंधन एवं जल विज्ञान में करियर की जरूरी स्किल्स

जहाँ जल प्रबंधन के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका कम्युनिकेशन स्किल्स की होती है। वहीं जल विज्ञान के क्षेत्र में सबसे अहम भूमिका टेक्नीकल स्किल्स की होती है। इस करियर के लिए विज्ञान में बुनियादी रुचि जरूरी है। सहनशीलता, दृढ़ता, विस्तृत और टीम भावना होना लाभप्रद है। अगर आप लीक से हटकर कुछ अलग करना चाहते हैं और आपका समाज प्रकृति से गहरा जुड़ाव है, तो जल प्रबंधन और जल विज्ञान आपके लिए एक बेहतरीन करियर हो सकता है।

करियर के लिए शैक्षणिक योग्यता

12वीं की परीक्षा भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित के साथ उत्तीर्ण होने के बाद जल प्रबंधन एवं जल विज्ञान के क्षेत्र में अच्छे कॅरियर बना सकते हैं। जल प्रबंधन व जल विज्ञान में स्नातक एवं स्नातकोत्तर दोनों कोर्स उपलब्ध हैं। बीएससी के बाद जलस्रोत से जुड़े पाठयक्रमों में दाखिला लिया जा सकता है। साथ ही बीई या बीटेक करने के बाद जल प्रबंधन में मास्टर्स किया जा सकता है। कई शैक्षणिक संस्थान इसके लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन करते हैं। एमएससी इन वाटर मैनेजमेंट, बीई इन इरिगेशन ऐंड वाटर मैनेजमेंट, बीटेक इन वाटर इंजीनियरिंग ऐंड मैनेजमेंट, पीजी डिप्‍लोमा इन वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट, एडवांस डिप्‍लोमा इन वाटर क्‍वालिटी मैनेजमेंट इत्‍यादि कोर्स की अहमियत बढ गई हैं। पर्यावरण मंत्रालय की ओर से ग्रीन स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम (सर्टिफिकेट कोर्स) संचालित किया जाता है। दो वर्षीय एमटेक डिग्री के बाद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, केन्द्रीय जल विभाग, सिंचाई विभाग, मौसम विभाग, पर्यावरण विभाग, सेंट्रल इंस्टीटयूट ऑफ प्रेश वाटर आदि संस्थानों में बतौर जल वैज्ञानिक अच्छा करियर बनाया जा सकता है। 10वीं पास छात्र भी जल संचयन एवं प्रबंधन नामक 6 महीने की अवधि का कोर्स इंदिरा गांधी नेशनल ओपन युनिवर्सिटी दिल्ली से कर सकते हैं।

जल प्रबंधन एवं जल विज्ञान में करियर की डगर पर आगे बढ़िए

यदि आप भी जल प्रबंधन एवं जल विज्ञान के बहुआयामी व आकर्षक करियर के लिए रुचि, योग्यता एवं क्षमताएँ रखते हैं तो ऐसे में अपनी उपयुक्तता के अनुरूप उपयुक्त गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक संस्थान से उपयुक्त डिग्री और प्रशिक्षण के लिए आगे बढ़कर इस क्षेत्र में करियर की संभावनाओं को मुठ्ठियों में ले सकते हैं।

डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर) 111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)