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जहाँ कोविड-19 की चुनौतियों के बीच टेलीकम्युनिकेशन (दूरसंचार) क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ा है, वहीं वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट के तहत टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर के लिए किए गए अभूतपूर्व बजट आवंटन के कारण टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर में करियर के चमकीले मौके छलांगे लगाकर बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। टेलीकम्युनिकेशन में डेटा को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजा जाता है। टेलीफोन नेटवर्क, रेडियो ब्राड कास्टिंग सिस्टम, कम्प्यूटर नेटवर्क और इंटरनेट इसके उदाहरण है।
टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर की नई तकनीकों ने बनाई है नई डिजिटल दुनिया
गौरतलब है कि बीते हुए दो वर्षों 2020 और 2021 में जब कोरोना संक्रमण फैलने के डर से दुनियाभर में कई महीनों तक लॉकडाउन था। यद्यपि कई महीनों तक शैक्षणिक संस्थाएँ और उद्योग कारोबार बंद थे और सभी लोग भी घरों में बंद थे। लेकिन टेलीकम्युनिकेशन ने ही सभी को डिजिटली कनेक्ट कर रखा था। टेलीफोन का आविष्कार करने वाले ग्राहम बेल ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसका यह संचार से जुड़ा आविष्कार एक-एक कदम आगे बढ़ता हुए अपनी नई तकनीकों से समूचे विश्व के करोड़ों लोगों के जीवन में कोविड-19 की अप्रत्याशित मानवीय और आर्थिक निराशाओं को कम करते हुए ई कॉमर्स, वर्चुअल मीटिंग, वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन पेमेंट, ऑनलाइन क्लॉसेज, ऑनलाइन एंटरटेनमेंट जैसी सुविधाओं का नया परिदृश्य निर्मित करेगा।
टेलीकॉम सेक्टर में छलांगे लगाकर बढ़ रहे हैं रोजगार के मौके-
देश में टेलीकॉम सेक्टर में करियर के मौके तेजी से बढ़ने के कई कारण हैं। टेलीकॉम सेवाओं के बाद इसके कलपुर्जों की मैन्युफैक्चरिंग में भी देश को ग्लोबल हब बनाने के लिए सरकार तेजी से आगे बढ़ी है। केंद्र सरकार ने 12,195 करोड़ रुपये के दूरसंचार उपकरण निर्माण के लिए उत्पाद संबंद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी है। इससे देश में टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे।
निसंदेह कोरोना महामारी ने बड़ी संख्या में लोगों को डिजिटली अभ्यस्त बना दिया है। इससे डाटा का उपयोग कई गुना बढ़ गया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के द्वारा मोबाइल उपभोक्ता, इंटरनेट संबंधी नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक देश में ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या छलांगे लगाकर बढ़ते हुए जून 2021 में 79 करोड़ हो गई है। भारत टेलीकम्युनिकेशन में चीन के बाद विश्व में दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है।
इन विभिन्न कारणों से टेलीकॉम सेक्टर में अब रोजगार कितनी तेजी से बढ़ेंगे, इसका अनुमान टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल के द्वारा प्रस्तुत नवीनतम आँकड़ों से लगाया जा सकता है। इसके मुताबिक भारत में वर्ष 2030 तक प्रतिवर्ष टेली कॉम सेक्टर में छोटी-बड़ी लगभग 10 लाख नौकरियां सृजित होंगी।
टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर में करियर के मौके कहाँ-कहाँ ?
टेलीकॉम सेक्टर में रोजगार और स्वरोजगार के बहुआयामी करियर के मौके हैं। टेलीकॉम इंडस्ट्री में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेक्टर, रेलवे, एयरोस्पेस इंडस्ट्री, मोबाइल इंडस्ट्री में बतौर सॉफ्यवेयर इंजीनियर, टेस्ट इंजीनियर, कस्टमर सपोर्ट स्टाफ, प्रोडक्ट मैनेजर, पॉवर डिस्ट्रिब्यूटर्स, पॉवर रिएक्टर ऑपरेटर, डिजाइन डेवलपर, सेल्स तथा मार्केटिंग, क्वालिटी एशरोरेंस मैनेजर के रूप में रोजगार के चमकीले अवसर हैं। विदेशों में भी टेलीकम्युनिकेशन के क्षेत्र में रोजगार के चमकीले अवसर हैं। यह बात भी महत्वपूर्ण है कि भारतनेट, पीएम-वाणी जैसे भारत सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत इन दिनों सबसे अधिक टेलीकॉम नेटवर्क का काम हो रहा है, पूरे देश में कनेक्टिविटी के लिए आप्टिकल फाइबर की लाइन बिछायी जा रही है। इन सबके कारण इस सेक्टर में करियर के मौके तेजी से बढ़ेंगे।
टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर से संबंधित कोर्स
देश के विभिन्न संस्थानों में टेलीकम्युनिकेशन के क्षेत्र में अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और डिप्लोमा के रूप में कोर्सेज संचालित हो रहे हैं, जिसे पीसीएम विषयों से 12वीं एवं ग्रेजुएशन के बाद किया जा सकता है। टेलीकम्युनिकेशन क्षेत्र में चार वर्षीय बैचलर (बीई/बीटेक) कोर्स में प्रवेश पाने के लिए छात्र को बारहवीं परीक्षा फिजिक्स, कैमिस्ट्री तथा मैथ्स के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है, जबकि दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए उसी स्ट्रीम में बीई/बीटेक की डिग्री आवश्यक है। डिग्री कोर्स में जेईई मेन्स/एडवांस के द्वारा प्रवेश मिलता है। टेलीकम्युनिकेशन में तीन वर्षीय पोलिटेक्निक डिप्लोमा के लिए छात्र का गणित विषय के साथ 10वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। टेलीकम्युनिकेशन से जुड़े जो प्रमुख कोर्स देश में उपलब्ध हैं, वे हैं- बीई/बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, बीई/बीटेक टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग,एमई/एमटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग,एमटेक नेटवर्क एंड टेलीकम्युनिकेशन,एमबीए इन टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम मैनेजमेंट,पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन टेलीकम्युनिकेशन,डिप्लोमा इन टेलीकम्युनिकेशन टेक्रोलॉजी,डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग।
टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर में करियर की जरूरी स्किल्स
गौरतलब है कि टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर में फोन, मोबाइल, टेलीविजन, रेडियो, कंप्यूटर इत्यादि इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन उपकरण बनाए अथवा डिजाइन किए जाते हैं। साथ ही टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर सेटेलाइट के उपकरण को भी डिजाइन किया जाता है और उसे बनाया जाता है, जिससे हमारे टेलीविजन, टेलीफोन और इंटरनेट सर्विस चलती है। अतएव टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर में करियर के लिए शोध व नवाचार सहित तकनीकी गुण आवश्यक होते हैं। इसके साथ ही कम्युनिकेशन स्किल्स, टीम वर्क, कम्प्यूटर हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर की जानकारी, टेक्नीकल राइटिंग जैसे गुण भी करियर को ऊँचाई देते हैं।
कहाँ से करें टेलीकम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के कोर्स
देश के कोने-कोने में टेलीकम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी का कोर्स कराने वाले कई प्रमुख संस्थान हैं। इनमें आईआईटी, एनआईटी सहित इंजीनियरिंग कॉलेज और टेक्नोलॉजी के कई कॉलेज हैं। इनमें से उपयुक्तता के अनुरूप किसी गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक संस्थान और टेलीकम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के किसी उपयुक्त कोर्स का चयन करके अच्छे करियर की डगर पर आगे बढ़ा जा सकता है।
डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर) 111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)