₹1038.31 करोड़ से गांधी सागर और राणा प्रताप सागर पॉवर प्लांट होंगे अपग्रेड
मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद ने 22 जुलाई को अपनी बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इनमें मंदसौर और नीमच जिलों में चंबल नदी पर स्थित गांधी सागर जल विद्युत गृह के नवीनीकरण के लिए ₹464 करोड़राजस्थान सरकार के सहयोग से संयुक्त रूप से किया जाएगा, जिसमें राणा प्रताप सागर जल विद्युत गृह का भी नवीनीकरण होगा।
परियोजना लागत और भागीदारी
दोनों परियोजनाओं की कुल लागत ₹1037 करोड़मध्यप्रदेश का योगदान 30% यानी ₹464 करोड़ होगा। शेष राशि राजस्थान सरकार, केंद्र सरकार, विश्व बैंक और एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) की सहायता से आएगी। यह परियोजना DRIP (डैम पुनर्वास एवं सुधार परियोजना) के तहत लागू की जाएगी।
गांधी सागर डैम का परिचय
गांधी सागर बांध भारत के सबसे बड़े जलाशयों में से एक है, जिसकी स्थापना 1960 में हुई थी। इसकी आधारशिला 7 मार्च 1954
यह बांध इंदिरा सागर और हीराकुंड के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा जलाशय है। यह सिंचाई, बिजली उत्पादन और प्रवासी पक्षियों के लिए अभयारण्य के रूप में भी अहम है। इसे इंटरनेशनल बर्ड लाइफ एजेंसी द्वारा प्रमाणित किया गया है।
नवीनीकरण का उद्देश्य
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बांध की सुरक्षा, ऑपरेशनल एफिशिएंसी और ऊर्जा उत्पादन क्षमताहरित ऊर्जा और सतत विकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रयास है।