मुझे स्टीविया की खेती संबंधी जानकारी दीजिए।

स्टीविया को मधुपत्र या मीठी तुलसी जैसे नामों से भी जाना जाता है। मधुमेह और मोटापे से पीड़ितों के लिए स्टीविया बहुत फायदेमंद औषधी है। इस समय मधुमेह के उपचार के लिए स्टीविया की पत्तियों की मांग लगातार बढ़ रही है। स्टीविया की पत्तियों की मिठास चीनी से 25 से 30 गुना अधिक होती है। स्टीविया की पत्तियों में प्रोटीन व फाइबर अधिक मात्रा में होता है। कैल्शियम व फास्फोरस से भरपूर होने के साथ इन पत्तियों में कई तरह के खनिज भी होते हैं। इसमें कैलोरी की मात्रा लगभग शून्य होती है, जो मधुमेह के रोगियों और स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रखने वालों के लिए वरदान है। मधुमेह पीड़ितों के लिए बेकरी उत्पाद, सॉफ्ट ड्रिंक और मिठाइयों में भी स्टीविया की सूखी हुई पत्तियों का उपयोग होता है। न केवल शक्कर के विकल्प के रूप में स्टीविया का उपयोग सुरक्षित है, वरन्, रक्तचाप, चर्म विकार तथा मसूड़ों की बीमारियों में भी लाभप्रद है। गौरतलब है कि स्टीविया की खेती पेरूग्वे, जापान, कोरिया, ताइवान, अमेरिका इत्यादि देशों में बहुतायत से होती है। भारत में इस समय इसकी खेती कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्रों प्रदेशों में की जाने लगी है। चूंकि चीन के बाद भारत में सबसे अधिक मधुमेह के मरीज हैं और यह सबसे तेजी से बढ़ने वाली बीमारियों में से एक है। ऐसे में स्टीविया के बढ़ते बाजार में किसान इसकी खेती से बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं। देश में स्टीविया की खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। स्टीविया खेती लाभप्रद व्यवसाय बन गई है। नेशनल मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड (एनएमपीबी) के द्वारा किसानों को स्टीविया की खेती पर 20 फीसदी सब्सिडी दी जाती है। गौरतलब है कि स्टीविया की खेती में इसके पौधे को गन्ने की अपेक्षा कम पानी की जरूरत पड़ती है। इस फसल की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें कोई रोग लगने की आशंका कम होती है। इसकी खेती में एक और फायदा ये है कि इसमे सिर्फ देसी खाद से भी काम चल जाता है। एक साल में कम से कम चार बार कटाई की जा सकती है। इसके पौधे से जो पाउडर तैयार किया जाता है वह चीनी के मुकाबले कई गुना ज्यादा मीठा होता है। गन्ने की अपेक्षा एक किसान स्टीविया की खेती से कई गुना ज्यादा कमा सकता है। स्टीविया की खेती शुरू करने के पहले जिला स्तर पर कार्यरत कृषि विभाग से पर्याप्त जानकारी ली जाए। स्टीविया की खेती संबंधी उपयुक्त अनुभव लिया जाए बाजार सर्वे किए जाए और फिर अच्छे प्रोजेक्ट के साथ स्टीविया की खेती शुरू की जानी उपयुक्त होगी।

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