डाइटीशियन बनना चाहती हूँ। कृपया मार्गदर्शन प्रदान करें।

वर्तमान समय में देश और दुनिया में डाइटीशियन के रूप में करियर की उजली संभवनाएँ हैं। जैसे-जैसे लोगों की जिदंगी में भागमभाग और तनाव बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे डाइटीशियन की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। गौरतलब है कि संतुलिन और उचित आहार हमारे शरीर के भीतर ऊर्जा का संचार करता है। हमें अपने शरीर के अनुपात के अनुसार कितने पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है और कौनसे खाद्य पदार्थ सेहत को नुकसान पहुँचा सकते हैं, अगर आपकी रुचि इन प्रश्नों का उत्तर जानने में है तो डायटीशियन के पेशे को अपनाकर आप अपना ही नहीं, दूसरों की सेहत का भी ख्याल रख सकते हैं। हालांकि हमारे देश में अभी भी इस जरूरत के प्रति आम लोगों में बहुत ज्यादा जागरूकता नहीं है, फिर भी सेलेब्रिटी व युवा वर्ग काफी सचेत होता जा रहा है। वह डाइटीशियन के अनुसार बनाए गए डाइट प्लान के हिसाब से खाने-पीने में रुचि दिखा रहा है। यही कारण है कि आज इसे करियर के रूप में अपनाने के प्रति लोगों की रुचि जाग्रत हुई है। डाइटीशियन का तीन वर्षीय एप्लाइड डिग्री पाठ्यक्रम करने हेतु जीव विज्ञान/गृह विज्ञान विषयों के साथ बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। जबकि स्नानतकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए गृह विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, डाइटेटिक्स या औषधि विज्ञान में स्नातक होना आवश्यक है। गृह विज्ञान में बीए व सूक्ष्म जैविकी में बीएससी के पाठ्यक्रम में डाइटेटिक्स को एक विषय के रूप में पढ़ाया जाता है, जबकि एमएससी में इसे विशेषज्ञता के रूप में पढ़ाया जाता है। कुछ संस्थानों में डाइटीशियन के डिप्लोमा एवं प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं। डाइटीशियन के स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमों में भोजन, विज्ञान, जैव रसायन, शरीर विज्ञान, जैव सांख्यिकी, शोध पद्धति और सूक्ष्म भोजन जैविकी आदि विषय शामिल होते हैं। पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद अनुभव प्राप्त करने के लिए आप किसी अस्पताल में इंटर्नशिप कर सकते हैं या किसी डाइटीशियन के अधीन भी काम कर सकते हैं। यदि बीएससी होम साइंस और एमएससी होम साइंस के पाठ्यक्रम रेगुलर कॉलेज या यूनिवर्सिटी से किए जाए और साथ में इंदिरा गाँधी ओपन यूनिवर्सिटी या अन्य किसी ओपन यूनिवर्सिटी से डाइटीशियन का डिप्लोमा पाठ्यक्रम कर लिया जाए तो भी डाइटीशिनय के रूप में अच्छे कॅरियर की पूरी संभावनाएँ बनती है। अगर आप स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस करना चाहती हैं तो इसके लिए आपको रजिस्टर्ड डाइटीशियन की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। शैक्षिक योग्यता के साथ-साथ इस पेशे में एक वैज्ञानिक नजरिए की भी बड़ी जरूरत होती है। स्वास्थ्य व पोषण संबंधी विषयों की जानकारी होने के साथ व्यवहार कुशलता भी अनिवार्य है। युवतियों के लिए यह एक बेहतरीन कॅरियर विकल्प है क्योंकि आय के साथ-साथ उन्हें अपने परिवार के साथ भी समय बिताने का मौका मिल जाता है। इस काम को लेकर संतुष्टि का स्तर भी काफी बढ़ गया है। इन दिनों फिटनेस सेंटर, हेल्थ क्लबों और स्पा के प्रति सभी वर्गों का रुझान बढ़ा है। इन सेंटरों पर डाइटीशियन व्यक्तिगत स्वास्थ्य का तथा फिटनेस स्तर को बनाए रखने के लिए डाइट अर्थात आहार संबंधी परामर्श देने के लिए नियुक्त किए जाते हैं। सितारा होटलों में भी डायटीशियनों की सेवाएँ ली जाती हैं। अस्पतालों और क्लिनिकों के अलावा डाइटीशियन रक्षा प्रतिष्ठानों, शिक्षण संस्थानों, होस्टल और कंपनियों या फैक्टरियों में चलने वाली बड़़ी-बड़ी कैंटीनों में काम कर सकते हैं। वहाँ उन्हें दिए गए एक निश्चित बजट के भीतर स्वादिष्ट, पौष्टिक व संतुलित भोजन कैसे बन सकता है, इसकी जानकारी प्रदान करनी होती है। फिटनेस सेंटर जहाँ खिलाड़ी, मॉडल या फिट रहने के इच्छुक लोग जाते हैं, वहाँ भी डायटीशियनों की बहुत जरूरत होती है। इस पेशे से जुड़ा एक अन्य विकल्प शोध करना भी है। संयुक्त राष्ट्र, यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अलावा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन आने वाले संगठन तथा राष्ट्रीय पोषण विज्ञान संस्थान भी इनकी सेवाएँ लेते हैं। बतौर शिक्षक भी कार्य किया जा सकता है। बड़े पैमाने पर डिब्बाबंद भोज्य पदार्थों का उत्पादन और प्रोसेसिंग करने वाले उद्योगों में भी डायटीशियन को रखा जाता है। वर्तमान समय में डाइटीशियनों को बहुत अच्छा वेतन मिल रहा है। किसी हैल्थ क्लब या स्पा सेंटर पर पार्ट टाइम काम कर प्रतिमाह 10 से 15 हजार रुपए तक अर्जित किए जा सकते हैं। बड़े अस्पतालों तथा नर्सिंग होम में भी 25 हजार रुपए मासिक से शुरुआत होती है। यदि आप अपना स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करते हैं तो मनचाहा पारिश्रमिक प्राप्त किया जा सकता है। डाइटीशियन का कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं- भोज मुक्त विश्वविद्यालय, भोपाल। इंस्टीट्यूट ऑफ केटरिंग टेक्नोलॉजी एंड एप्लाइड न्यूट्रीशियनिस्ट, शिवाजी पार्क दादर, मुंबई/नई दिल्ली/चेन्नई/कोलकाता। डॉ. बी. आर. अम्बेडकर, विश्वविद्यालय, आगरा। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, अजमेर।

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