सीखो-कमाओ योजना का आगाज करने के दौरान सीएम शिवराज से हाथ मिलाते युवा।

सीखो-कमाओ योजना में काम सीखो और स्थायी रोजगार पाओ। खुद का रोजगार भी करो। ऐसे कई लोग हैं, जिनके पास दौलत नहीं थी। धीरूभाई अंबानी की जेब में भी थोड़े से पैसे थे। तय करो...मजबूर नहीं, मजबूत बनेंगे। युवा वो... जिसके पैरों में गति, सीने में आग और आंखों में शोले हों। आप सुनिश्चित करो कि अपने पैरों पर खड़े होकर दिखाएंगे। मामा तैयार है, कंपनियां तैयार हैं और बच्चे भी तैयार हैं तो फिर कमी क्या है। ये बातें सीएम शिवराज सिंह ने मंगलवार को शासकीय महात्मा गांधी उमा विद्यालय में सीखो-कमाओ योजना का आगाज करते हुए कही। शिवराज ने कहा, 8 लाख से ज्यादा बच्चों ने योजना में पंजीयन कराया है। 16744 कंपनियां रजिस्टर्ड हो चुकी हैं। 70386 पद अब तक प्रकाशित हो चुके हैं। यह आगे भी जारी रहेगा। जितने युवा आएंगे, उन्हें सिखाएंगे। उन्होंने बच्चों से कहा, तुम्हारे सपनों को मरने नहीं दूंगा। एमए, लॉ ये करेंगे, फिर क्या? यह पता नहीं तो ऐसी शिक्षा का क्या फायदा। जिन्हें 12वीं के बाद रोजगार चाहिए, वे पंजीयन कराएं। सीखे और नौकरी करें या अपना रोजगार करें।