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दैनिक रेल यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए रेलवे वंदे मेट्रो (Vande Metro) ट्रेन चलाने जा रहा है। रेलमंत्री ने कहा कि पहली वंदे मेट्रो ट्रेन जुलाई से पटरी पर दौड़ने लगेगी। प्रारंभ में इसे परीक्षण के तौर पर दो-तीन महीने तक चलाया जाएगा। उसके बाद अन्य रूटों पर चलाया जाएगा। परीक्षण के लिए अभी रूट का चयन नहीं किया गया है। अभी 50 ट्रेनें बनाकर तैयार है। दैनिक रेल यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए रेलवे वंदे मेट्रो ट्रेन चलाने जा रहा है। निर्माण पर तेजी से काम किया जा रहा है। मेट्रो की तर्ज पर चलाई जाने वाली ये ट्रेनें पहले चरण में देश के 124 शहरों को आपस में जोड़ेंगी। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पहली वंदे मेट्रो ट्रेन जुलाई से पटरी पर दौड़ने लगेगी। प्रारंभ में इसे परीक्षण के तौर पर दो-तीन महीने तक चलाया जाएगा। उसके बाद अन्य रूटों पर चलाया जाएगा। इसमें कम से कम सात से आठ वर्ष लगेंगे। मतलब 2031-32 तक ट्रेनों में वेटिंग समस्या खत्म हो जाएगी। सभी को कन्फर्म टिकट मिलने लगेगा। अभी प्रत्येक वर्ष पांच हजार किमी नई पटरियां बिछाई जा रही हैं। अगले वर्ष तक इसे बढ़ाकर छह हजार प्रति वर्ष करने का लक्ष्य है।