12 साल के शंकराचार्य की मूर्ति ओंकारेश्वर में

अद्वैत लोक (शंकर संग्रहालय) लगभग 11.50 हेक्टेयर में बन रहा है। इसके बीच में 108 फीट ऊंची मूर्ति है, जो 12 साल के शंकराचार्य की है। मूर्ति 16 फीट के कमल पर स्थापित है और कमल 75 फीट के पैडस्टल पर है।

शंकराचार्य का जन्म केरल के कालड़ी गांव में हुआ था। माता का नाम आर्याम्बा और पिता का नाम शिवगुरु है। करीब 8 साल की उम्र में वे गुरु की खोज में ओंकारेश्वर पहुंचे। यहां गोविंद भगवदपाद से गुरु दीक्षा ली। उन्होंने यहां तीन वर्ष तक शिक्षा ग्रहण की। शंकराचार्य ने नर्मदाष्टकम की रचना ओंकारेश्वर में ही की है। गुरु के आदेश पर 11 वर्ष की आयु में अद्वैत वेदान्त दर्शन के प्रचार-प्रसार के लिए ओंकारेश्वर से प्रस्थान किया।