प्रदेश सरकार विभागाध्यक्षों के अधिकार बढ़ाने जा रही है
22 मई को कर्मचारियों के हित में कई कदम उठाने के बाद अब सरकार एक और बड़ा निर्णय होने जा रही है। विभागों में प्रशिक्षु यानी इंटर्न रखें जा सकेंगे। इसका अधिकार विभागाध्यक्षों को रहेगा। इन्हें कोई मानदेय तो नहीं दिया जाएगा पर प्रशिक्षण प्राप्त करने का प्रमाण पत्र अवश्य दिया जाएगा जो उनके करियर के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। इसी तरह फर्नीचर, कार्यालयीन उपकरण, लैपटाप सहित अन्य सामग्री खरीदने का अधिकार भी विभागाध्यक्षों को दिया जाएगा। महंगाई और आवश्यकताओं को देखते हुए लगभग सभी वित्तीय अधिकार दोगुना करने का यह प्रविधान बुक ऑफ फायनेंस में संशोधन करके किया जाएगा। वित्त विभाग ने इसका प्रस्ताव कैबिनेट की अनुमति के लिए भेज दिया है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2016 में विभागाध्यक्षों के वित्तीय अधिकार संशोधित किए गए थे। अभी तक विभागाध्यक्षों को लैपटाप, फर्नीचर या कार्यालीन उपकरण खरीदने का अधिकार नहीं था। आवश्यकता पड़ने पर प्रस्ताव बनाकर विभाग को भेजना होता था, जो वित्त विभाग की अनुमति से कार्रवाई कर प्रक्रिया आगे बढ़ाता था। कृषि संचालक से लेकर परिवहन आयुक्त तक विभागाध्यक्ष पद पर हैं।