सरकार को आर्थिक मोर्चे पर राहत भरी खबर मिली क्योंकि अगस्त में खुदरा महंगाई 7 फीसदी से नीचे आ गई। साथ ही जुलाई में औद्योगिक उत्पादन भी पांच महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) से आज जारी आंकड़ों में पता चला कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में घटकर 6.83 फीसदी रह गई।
जुलाई में 7.44 फीसदी पर पहुंच गई थी, जो 15 महीनों में सबसे ऊंचा स्तर था। मगर सब्जियों, कपड़ों, जूतों, मकानों और सेवाओं के दाम घटने से महंगाई भी नीचे आ गई।
उधर औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) जुलाई में 5.7 फीसदी पर पहुंच गया, जो जून में केवल 3.7 फीसदी था। आईआईपी में इजाफा खनन क्षेत्र में 10.7 फीसदी, बिजली में 8 फीसदी और विनिर्माण में 4.6 फीसदी वृद्धि के कारण हुआ है।
अगस्त लगातार दूसरा महीना रहा, जब मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के 6 फीसदी के सहज स्तर से ऊपर रही। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने पिछले महंगाई में इजाफे का खतरा नजरअंदाज कर दिया और सर्वसम्मति से रीपो दर 6.5 फीसदी ही बनाए रखी।