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पैरामेडिकल सेक्टर में तेजी से बढ़े अवसर

यकीनन जितनी तेजी से मेडिकल क्षेत्र का विस्तार हो रहा है, उतनी ही तेजी से देश-दुनिया में पैरामेडिकल सेक्टर में करियर के मौके बढ़ते जा रहे हैं। पैरामेडिकल हेल्थकेयर से संबंधित ऐसा सेक्टर है जिसमे डॉक्टर की तरह काम करने का मौका मिलता है। जब हम हॉस्पिटल जाते है, तो रोगी को जो प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करता है, वह पैरामेडिकल स्टाफ ही होता है। इनकी भूमिका इतनी महत्वपूर्ण होती है कि इनको सहायक चिकित्सक भी कहा जाता है। वर्ष 2023 तक देश भर में करीब 12,500 आयुष हेल्थ एंड वेल्थ सेंटर खोले जाने प्रस्तावित हैं तथा लगातार नए हॉस्पिटल भी बनाए जा रहे हैं। ऐसे में पैरामंडिकल स्टाफ की मांग और अधिक हो गई है।

डॉक्टर न बनने पर दूसरी करियर पसंदगी है पैरामेडिकल सेक्टर

अधिकांशतया वे स्टूडेंटस जो डॉक्टर बनने का सपना संजोकर आगे बढ़ते हैं, यदि वे डॉक्टर बनने की अत्यधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षा नीट में सफल नहीं होते हैं, तो वे पैरामेडिकल कोर्स की ओर कदम बढ़ाते हुए दिखाई देते हैं। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2022 में भारत के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस 91415 की सीटें, बीडीएस की 26,949 सीटें, आयुष की 52720 सीटें और पशु चिकित्सा कोर्स की 525 सीटों पर प्रवेश नीट के माध्यम से होगा। यह बात भी महत्वपूर्ण है कि पैरामेडिकल में प्रतिवर्ष देश में करीब 15-16 लाख स्टूडेंटस डॉक्टर बनने का सपना रखते हुए नीट परीक्षा देते है।

पैरामेडिकल सेक्टर के विविध आयाम

बड़ी संख्या में नीट परीक्षा देने वाले स्टूडेट अपनी दूसरी करियर पसंदगी पैरामेडिकल के तहत जिन उपयुक्त विधाओं में से किसकी चयन करते है, उनमें प्रमुखतया हेल्थ केयर असिस्टेंट, नर्सिंग केयर असिस्टेंट डेंटल हाइजिनिस्ट, डायग्नोस्टिक मेडिकल सोनाग्राफर, डाइटिशियन, लैब टेक्नोलॉजिस्ट, फिजियाथेरेपिस्ट, डायलिसिस टेक्नीशियन, ऑप्टोमेट्री टेक्नीशियन, रेडियोग्राफर, रेस्पिरेटरी थेरेपिस्ट, ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट, स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजिस्ट, एनेस्थिया टेक्नीशियन, मेडिकल टेस्टिंग टेक्नीशियन, ऑपरेशन थिएटर, टेक्नीशियन आईसीयू संबंधी उपकरणों के टेक्नीशियन, रेडिएशन टेक्नोलॉजिस्ट, न्यूकलियर मेडिसिन टेक्नोलॉजिस्ट, डेंटल असिस्टेंट, न्यूट्रिशियन एंड चाइल्ड केयर सपोर्टर, होम बेस्ड हेल्थ केयर, सपोर्टर रूरल हेल्थ केयर सपोर्टर, जनरल ड्यूटी असिस्टेंट, डायलिसिस टेक्नीशियन, इसीजी एंड सीटी स्कैन टेक्नीशियन, एच आई वी एंड फेमिली एजुकेशन टेक्नीशियन आदि डिमांड में हैं।

खास बात यह है कि कोविड-19 के बाद लैब टेक्नोलॉजी, रेडियो ग्राफर और फिजियो थेरेपिस्ट की अहमियत बहुत अधिक बढ़ गई है। लैब टेक्नोलॉजी टेक्नीशियन और टेक्नोलॉजिस्ट दो तरह के प्रोफेशनल होते हैं। मेडिकल टेक्नोलॉजिस्ट का काम ब्लड बैंकिंग, क्लीनिकल टेक्नोलॉजी, इम्यूनोलॉजी, हेमैटोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित काम करना है। जबकि मेडिकल टेक्नीशियन लैब में रूटीन टेस्ट का काम देखते हैं। रेडियोग्राफर के द्वारा रेडिएशन के सहारे उन छिपे हुए अंगों की तस्वीरें ली जाती हैं जो दिखती नहीं है और कई शारीरिक विकारों को सामने लाया जाता है। अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, सीटी स्कैन, एमआरआई आदि इसी क्षेत्र से संबंधित है। फिजियोथेरेपिस्ट के द्वारा शारीरिक व्यायाम उपचार, गर्मी, विकिरण आदि जैसे अन्य चिकित्सीय एजेंटों का उपयोग करता है और कमजोरियों का इलाज करने और क्षतिग्रस्त मांसपेशियों, जोड़ों और हड्डियों के पुनर्निर्माण के लिए एक्सरसाइज सुनिश्चित करता है।

तीन तरह के हैं पैरामेडिकल कोर्स

पैरामेडिकल कोर्स के तहत सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री, तीनों तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि छह महीने से एक साल, डिप्लोमा कोर्स की अवधि दो से तीन साल और डिग्री कोर्स की अवधि तीन से चार साल तक होती है। साथ ही पैरामेडिकल के कई क्षेत्रों में पोस्ट ग्रेजुएशन का कोर्स भी उपलब्ध है। यद्यपि पैरामेडिकल सेक्टर में विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध हैं, लेकिन यह ऐसा स्किल है, जिसे ऑनलाइन या डिस्टेंस एजुकेशन से करना अवसरों को बेहद सीमित कर देता है ।

पैरामेडिकल कोर्स के लिए योग्यता एवं प्रवेश परीक्षा

साइंस (पीसीबी) के साथ 12वीं कक्षा में 50 फीसदी अंक हासिल करने वाले छात्र पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकते हैं। स्नातकोत्तर (पीजी) कोर्स में दाखिले के लिए संबंधित पैरामेडिकल विषय में स्नातक की डिग्री होना जरूरी है। कुछ सर्टिफिकेट कोर्स ऐसे हैं, जिन्हें 10वीं कक्षा के बाद भी किया जा सकता है। विभिन्न प्रकार के पैरामेडिकल कोर्स की फीस इस बात पर निर्भर करती है, की आप किस पैरामेडिकल इंस्टीटयूट अथवा कॉलेज में एडमिशन ले रहे है।

पैरामेडिकल सेक्टर में स्वरोजगार और नौकरी के अवसर

निसंदेह पैरामेडिकल के कोर्स के बाद करियर के अच्छे अवसर उपलब्ध होते हैं। पैरामेडिकल की पढ़ाई कर सरकारी और निजी संस्थानों में नौकरी कर सकते हैं। किसी लैब या ड़ॉक्टर के निजी क्लिनिक से भी जुड़ सकते हैं या अपना खुद का काम भी शुरू कर सकते हैं। पैरामेडिकल के क्षेत्र में वेतनमान कार्य और अनुभव तथा योग्यता पर निर्भर करता है। अनुभव के आधार पर वेतन और सुविधाओं में लगातार वृद्धि होती जाती है। खास बात यह है कि पैरामेडिकल कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स के लिए विदेशों में भी अच्छे मौके होते हैं। साथ ही विदेशों में पैरामेडिकल स्टाफ का पैकेज बहुत आकर्षक होता है।

पैरामेडिकल कोर्स में प्रवेश

पैरामेडिकल कोर्स में प्रवेश के लिए कई प्रकार की परीक्षाएँ होती हैं। स्टूडेंट्स को चाहिए कि नीट परीक्षा देने के साथ-साथ पैरामेडिकल प्रवेश परीक्षाओं पर भी ध्यान दें। पैरामेडिकल परीक्षाओं में लगभग वहीं कोर्स होता है, जो नीट परीक्षा में होता है। संयुक्त पैरामेडिकल एंड नर्सिंग प्रवेश परीक्षा (सीपीएनईटी), नीट-पीजी (एनईईटी-पीजी), एमएचटी-सीईटी, नीट-यूजी (एनईईटीयूजी) प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर निजी व सरकारी कॉलेजों में सीधा मेरिट के आधार पर भी दाखिला मिल सकता है। पैरामेडिकल कोर्स कराने वाले कई संस्थान एडमिशन के लिए अपना एंट्रेंस एग्जाम भी अलग से भी आयोजित करते हैं। कई प्रायवेट पैरामेडिकल इंस्टीटयूट मेरिट और डोनेशन के आधार पर भी सीधे प्रवेश देती है। यदि आप पैरामेडिकल सेक्टर में करियर बनाना चाहते हैं तो अपनी रूचि, योग्यता व क्षमता के अनुरूप उपयुक्त कोर्स और उपयुक्त गुणवत्तापूर्ण संस्थान का चयन करके पैरामेडिकल सेक्टर में करियर की डगर पर आगे बढ़ सकते हैं।

डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर) 111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)