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बैसिक साइंस अर्थात पारंपरिक विज्ञान में कैमेस्ट्री की चमक कोविड-19 के बाद और बढ़ गई है। कोरोनाकाल के बाद जिस तेजी से मेडिकल संसाधनों का उत्पादन बढ़ा है, उसमें रसायन विज्ञान का अहम योगदान है। भारत में कोविड-19 के बाद रसायन विज्ञान की अहमियत और बढ़ गई है। इसमें कोई दोमत नहीं हैं कि अमेरिका हो या जापान, वहाँ एप्लाइड साइंस ने तरक्की की तो इसके लिए बेसिक साइंस की पहले मजबूत नींव रखी गई, तभी एप्लाइड साइंस के क्षेत्र में काम शुरू हुआ। भारत की तरक्की भी बेसिक साइंस की मजबूत नींव पर ही टिकी हुई है। आज एप्लाइड साइंस या इंटरडिसिप्लिनरी साइंस में जो भी काम हो रहे हैं, उनमें बेसिक साइंस की मजबूत नींव कहीं न कहीं जरूर है। इस रूप में कैमेस्ट्री जैसे बेसिक साइंस का भी अहम रोल है। हमारे देश की प्रगति का आधार कहीं न कहीं कैमिस्ट्री भी है। कृषि से जुड़े रसायन का मामला हो या फिर मेडिसिन के क्षेत्र में नई दवाइयों का प्रयोग, सभी कहीं न कहीं कैमिस्ट्री के विशेषज्ञों द्वारा ही विकसित किए गए हैं। आज कैमिस्ट्री की जरूरत पेट्रोल संबंधी उत्पादों से लेकर इंटरनेट की दुनिया तक में है।
गौरतलब है कि कैमिस्ट्री विज्ञान का केंद्रीय क्षेत्र है। यह एक ओर से भौतिक शास्त्र और दूसरी ओर से बायोलॉजी को ओवरलैप करता है। कैमिस्ट्री एक व्यापक विषय है। इसका संबंध माइक्रोस्कोपिक और मैक्रोस्कोपिक दोनों गुणों से है। सभी तरह के मैटीरियल्स, ऑर्गेनिक, इनऑर्गेनिक, बायोलॉजिकल तथा हर तरह की परिवर्तक प्रक्रिया तथा ट्रांसफॉर्मेशन आदि से इसका संबंध है। हम जो कुछ भी प्राप्त करते हैं, वह कैमिकल प्रोसेस से प्राप्त करते हैं। जितनी भी दवाएँ हैं, वे कैमिकल्स से ही बनाई गई हैं। इस तरह अधिकतर सौंदर्य प्रसाधनों में भी कैमिकल प्रयोग होते हैं। आज इस विषय का हर क्षेत्र में दखल दिखलाई पड़ता है। वर्तमान में बाजार उपभोक्ता सामानों से अटा पड़ा है। चाहे कपड़े हों या जूते, तरह-तरह के पेटेंस हों या दवाई निर्माण का काम, कैमिस्ट्री की जरूरत हर जगह दिखाई पड़ती है। भवन निर्माण के कामों में भी इसकी माँग है । देखा जाए तो आज ज्यादातर उद्योग कैमिस्ट्री से जुड़े छात्रों को अलग-अलग रूप में रोजगार के अवसर प्रदान कर रहे हैं। कहीं रिसर्चर के रूप में, कहीं कैमिस्ट के रूप में तो कहीं लैब के कामों के लिए ।
केमेस्ट्री में बीएससी के बाद एमएससी के विविध क्षेत्र
रसायन शास्त्र में बीएससी करने के बाद आप रसायन विज्ञान के अलावा बायोटेक्रोलॉजी,बायोइंफॉरमेटिक्स, नैनोटेक्रोलॉजी, मेटीरियल साइंस व फूड टेक्रोलॉजी आदि में एमएससी कर सकते हैं। कैमिस्ट्री में बीएससी करने के बाद आप एनालिटिकल, एप्लाइड, ऑर्गेनिक, इनऑर्गेनिक, इंडस्ट्रियल, एनवायरमेंटल, मेडिसिनल, पेस्टिसाइड एंड एग्रोकैमिकल, फॉर्माकोलॉजिकल, फिजिकल, पॉलीमर, शुगर, डेयरी या टेक्सटाइल कैमिस्ट्री में एमएससी कर सकते हैं। आज की जॉब मार्केट में ऐसे अनुसंधानकर्ताओं की जरूरत है, जो रासायनिक विश्लेषण इंस्ट्रूमेंटेशन में प्रशिक्षित हों। एटॉमिक एनर्जी में रिसर्च एटॉमिक रिसर्च सेंटर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, आईआईएससी, बेंगलुरु से की जा सकती है। एटॉमिक एनर्जी और न्यूक्लियर एनर्जी का वर्तमान में जो फैलाव हो रहा है, उसके लिए मैनपावर की भारी जरूरत है। इसके अलावा विदेश में भी फैलोशिप के साथ उच्च अध्ययन के लिए जा सकते हैं। विदेश में पढऩे के इच्छुक छात्रों को यह ध्यान में रखना होगा कि वहाँ दाखिला पाने के लिए जीआरई और टॉफेल टैस्ट पास करना होता है।
केमेस्ट्री में करियर के बहुआयामी मौके
कैमेस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के उपरांत रोजगार के रूप में सबसे बड़ा रास्ता कैमिस्ट के रूप में काम करने का होता है। कैमिस्ट की दवा कंपनियों से लेकर फूड इंडस्ट्री, बेवरेजेज, वाइन, टेक्सटाइल, पेस्टिसाइड और अन्य निजी कंपनियों में जरूरत पड़ती है। बतौर कैमिस्ट आप आरबीआई में नोट छापने से जुड़े कामों में भी करियर तलाश सकते हैं। राष्ट्रीय मानक ब्यूरो, पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भी कैमेस्ट्री के जानकारों को अपने यहाँ अवसर मुहैया कराते हैं। कैमेस्ट्री के छात्रों को विभिन्न तरह की लैब में काम करने के ढेरों अवसर हैं। मसलन डिफेंस रिसर्च एवं डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के देशभर में लैब हैं। इसमें अगर आप कैमेस्ट्री से एमएससी या पीएचडी हैं तो साइंटिस्ट बन सकते हैं। अन्यथा कैमेस्ट्री से बीएससी करने के उपरांत साइंटिफिक असिस्टेंट या अधिकारी के रूप में काम कर सकते हैं। भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर, नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन, ओएनजीसी, गेल जैसे संस्थानों में कैमेस्ट्री के जानकारों की भारी माँग रहती है। सीएसआईआर की देश में 70 से अधिक लैब हैं, जहाँ रसायन शस्त्रियों को काम का अवसर मिलता है।
आज फार्मास्युटिकल कंपनियाँ हों या कॉस्मेटिक, पेय पदार्थ, ड्रग्स, लेदर, पॉलिमर, साबुन आदि उद्योग, इन सबका कारोबार पूरी तरह कैमेस्ट्री से जुड़ा हुआ है। केमिकल्स को लेकर देश में तरह-तरह के प्रयोग हो रहे हैं और इसमें रोजगार के अलग-अलग अवसर भी सामने आ रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि आपको कैमेस्ट्री की बेसिक समझ हो। यह बेसिक समझ बीएससी विथ कैमिस्ट्री का कोर्स पैदा करता है। इसे करने के बाद ही आप करियर की अलग-अलग पायदान चढ़ सकते हैं। अगर जल्दी नौकरी पाना चाहते हैं तो बीएससी करके भी अपना करियर संवार सकते हैं। यदि आप कैमेस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन तथा रिसर्च करते हैं तो उसके बाद रोजगार के ढ़ेरों चमकीले अवसर मौजूद हैं। इनमें अध्यापन, रिसर्च, फार्मास्युकिल कंपनियाँ, एनालिटिकल टेस्ट हाउस,मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, एजुकेशनल फील्ड, कैमिकल इंडस्ट्री, और लघु उद्योग आदि प्रमुख हैं, जहाँ छात्रों को सीधे-सीधे रोजगार के अवसर मिलते हैं। आज पर्यावरण अनुकूल रसायन की बात चल रही है। इस क्षेत्र में काम करने के लिए ग्रीन कैमिस्ट्री लोकप्रिय हो रही है। कुछ ऐसा ही हाल बायोकैमिस्ट्री का है, जहाँ विशेषज्ञता हासिल करके करियर को ऊँचे मुकाम पर ले जाया जा सकता है। जिनकी कैमिस्ट्री में विशेषज्ञता है वे मैनेजमेंट तथा फार्मास्युटिकल, प्लास्टिक्स, पॉलीमर्स, पेट्रोकेमिकल, फॉरेस्ट्री, फूड प्रोसेसिंग आदि कई उद्योगों में मार्केटिंग और प्रोडक्शन का कार्य भी कर सकते हैं।
केमेस्ट्री में करियर की स्किल्स
कैमेस्ट्री की पढ़ाई करते वक्त यह ध्यान रखने की जरूरत है कि उद्योग या किसी भी संस्थान में आपकी स्किल की परख की जाती है, इसलिए आपको लैबोरेटरी में काम करते वक्त कैमेस्ट्री में अपनी स्किल डेवलप करनी चाहिए। कैमिकल एनालिसिस यानी एनालिटिकल कैमिस्ट्री में दक्ष होना चाहिए। किताबों से नई-नई जानकारी हासिल करनी चाहिए तथा वैज्ञानिक टेम्परामेंट विकसित करना चाहिए ।
कैमेस्ट्री तथा उससे जुड़े विभिन्न कोर्स कहाँ से करें?
जो स्टूडेंट कैमेस्ट्री में करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए जरूरी है कि उसके द्वारा कैमेस्ट्री विषय के साथ 12वीं उत्तीर्ण की है। वे मध्यप्रदेश सहित देश के किसी विश्वविद्यालय से कैमेस्ट्री में बीएससी और उसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन में कैमेस्ट्री की नई विधाओं में किसी को करियर का आधार बना सकते हैं।
डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर) 111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)