मध्यप्रदेश में 5.46 लाख हेक्टेयर से अधिक जंगल की जमीन अतिक्रमण की चपेट में है, जो राज्य की कुल वन भूमि का 7.17% है। यह देशभर में सबसे ज्यादा है। यह जानकारी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को दिए गए राज्य सरकार के हलफनामे में सामने आई है।
देशभर की स्थिति
मध्यप्रदेश के बाद असम दूसरे स्थान पर है, जहां 3.62 लाख हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण है। कर्नाटक में 86,308 हेक्टेयर और अरुणाचल प्रदेश में 53,500 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा है। पुडुचेरी और लक्षद्वीप में कोई अतिक्रमण नहीं है। बिहार, हरियाणा, हिमाचल, राजस्थान, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों ने जानकारी नहीं दी है।
इंदौर और अन्य प्रभावित जिले
इंदौर जिले में 96% वन भूमि पर अतिक्रमण है। छिंदवाड़ा, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर और अलीराजपुर शीर्ष 10 जिलों में हैं। शाजापुर ऐसा एकमात्र जिला है जहां वन भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं है। बालाघाट जिले में सबसे कम 28.88 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण है।
सरकारी कार्रवाई और योजना
मुख्य वन संरक्षक असीम श्रीवास्तव के अनुसार, वन भूमि से अवैध कब्जे हटाने हेतु जिला प्रशासन के साथ रणनीति बनाई जा रही है। नए अतिक्रमण की पहचान के लिए एक मोबाइल एप भी तैयार किया गया है। 2024 में अब तक 17,496 हेक्टेयर जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है।