15 मार्च को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मप्र पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्मारक गोलघर को आमजन को समर्पित किया।

लोकार्पण कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्राचीन ज्ञान-विज्ञान के केन्द्र आज भी उपयोगी हो सकते हैं. अतीत की धरोहर गोलघर को वर्तमान से जोड़ने की पहल सराहनीय है. भोपाल में गोलघर का मूल नाम गुलशन-ए-आलम था, जिसे 19वीं सदी में नवाब शाहजहां बेगम ने बनवाया था। गोलाकार स्वरूप के कारण इसे गोलघर के नाम से जाना जाता है।

In the inauguration program, CM Mohan Yadav said that the centers of ancient knowledge and science can be useful even today. The initiative to connect Golghar, the heritage of the past, with the present is commendable. The original name of Golghar in Bhopal was Gulshan-e-Alam, which was built by Nawab Shahjahan Begum in the 19th century. Due to its circular shape it is known as Golghar.

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