मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को अब परिवहन और गृह भाड़ा (हाउस रेंट अलाउंस/एचआरए) बढ़ी हुई दरों पर मिलेगा। राज्य के 7.5 लाख कर्मचारियों को अप्रैल के वेतन के साथ बढ़े हुए भत्तों का लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में 1 अप्रैल को आयोजित कैबिनेट की बैठक में कर्मचारियों के भत्तों में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
वर्ष 2016 के बाद पहली बार राज्य सरकार ने गृह भाड़ा बढ़ाया है। अब तक कर्मचारियों को छठे वेतनमान के अनुसार भत्ते मिल रहे थे, लेकिन अब सातवें वेतनमान के अनुरूप भत्ते मिलेंगे।
नई दरों के लागू होने से अनुमानित तौर पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ₹800, तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को ₹1,000, द्वितीय श्रेणी कर्मचारियों को ₹2,600 और प्रथम श्रेणी अधिकारियों को ₹3,000 न्यूनतम वृद्धि होगी। यह वृद्धि अप्रैल के वेतन के साथ लागू की जाएगी।
कैबिनेट की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 7वें वेतनमान के तहत, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे ए श्रेणी के महानगरों में 10 प्रतिशत गृह भाड़ा भत्ता, बी श्रेणी के नगरों के लिए 7 प्रतिशत और सी एवं डी श्रेणी के नगरों के लिए 5 प्रतिशत भत्ता दिया जाएगा।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि इस भत्ते की वृद्धि से राज्य सरकार पर वार्षिक ₹1,500 करोड़ का वित्तीय भार आएगा। यह वृद्धि मध्य प्रदेश के कर्मचारियों के लिए नव वर्ष का एक उपहार है।
इसके अतिरिक्त, कैबिनेट ने अन्य भत्तों की दरें भी पुनरीक्षित की हैं, जैसे दैनिक भत्ता, वाहन भत्ता, मील भत्ता, और अन्य स्थानांतरण भत्तों में वृद्धि की जाएगी। विशेष भत्तों को भी दोगुना किया गया है।
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के मुख्यालयों पर शासकीय सेवकों को अब ₹384 प्रति माह परिवहन भत्ता मिलेगा, जो पहले ₹200 था। वहीं, निश्शक्त कर्मचारियों को अब ₹671 का भत्ता मिलेगा, जो पहले ₹350 था।