मध्यप्रदेश में पहली बार स्पेस टेक नीति और ₹20,000 करोड़ का आईटी निवेश
27 अप्रैल को मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश में पहली बार स्पेस टेक नीति की घोषणा की। यह घोषणा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव -2025 में की। इसके साथ ही आईटी क्षेत्र में ₹20,000 करोड़ का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जिससे 75,000 रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साइबर सुरक्षा और एग्रीटेक के लिए भी एक्सीलेंस सेंटर स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश में 12 नई घोषणाएं और 4 नीतियां जारी की गई हैं, जिनमें ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, सेमीकंडक्टर नीति, एवीजीसी-एक्सआर नीति और एमपी ड्रोन नीति शामिल हैं।
इंदौर में 3 नए आईटी पार्क स्थापित होंगे, जिसमें विश्वविद्यालयों की खाली भूमि का उपयोग किया जाएगा। पहला प्रयोग इंदौर विश्वविद्यालय में किया जाएगा। इसके अलावा, भोपाल के बैरसिया में ₹1,500 करोड़ की लागत से इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने 19 से अधिक आईटी कंपनियों के प्रतिनिधियों और उद्यमियों से वन-टू-वन चर्चा की। इस दौरान, अतुल चौरड़िया ने डाटा सेंटर के लिए ₹5,000 करोड़ का निवेश प्रस्ताव दिया। कॉन्क्लेव में 500 से अधिक कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जिनमें जापान और दक्षिण कोरिया से भी प्रतिनिधि शामिल थे।
मुख्य घोषणाएं:
- आईआईटी इंदौर में एग्रीटेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा।
- साइबर सुरक्षा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी।
- डिजिटल नवाचार, रचनात्मक शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट के लिए एकीकृत प्लेटफॉर्म आईआरसीटी स्थापित किया जाएगा।
- निवेश के लिए एमपीडीईएम का गठन किया जाएगा।
- 4 आईटी पार्कों में सुविधा केंद्रों की स्थापना की जाएगी।
- आईटी स्टार्टअप्स को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के तहत शामिल किया जाएगा।
- डीएवीवी इंदौर में प्लग एंड प्ले सुविधा प्रदान की जाएगी।
- 4 क्षेत्रीय निवेश केंद्र, निवेश प्रोत्साहन पोर्टल, अनुकंपा नियुक्ति पोर्टल, एमपीएयूआरसी पोर्टल और एचआरएमएस एप की शुरुआत की जाएगी।