मुद्रास्फीति में नरमी और आधार प्रभाव का लाभ भारतीय अर्थव्यवस्था को मिल रहा है। जीएसटी दरों में हालिया कटौती का असर खुदरा मुद्रास्फीति पर साफ दिखाई दे रहा है। 22 सितंबर से लागू दर युक्तिकरण के बाद अक्टूबर 2025 में सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति 85 आधार अंक घटकर 0.25% पर आ गई है, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट आने वाले महीनों में भी जारी रह सकती है, जिससे आरबीआई को ब्याज दरों में कटौती करने का मौका मिल सकता है।
जीएसटी दरों में कमी के बावजूद अक्टूबर में कलेक्शन 4.6% बढ़कर ₹1.96 लाख करोड़ पहुंच गया, जिसका मुख्य कारण त्योहारों की मांग में उछाल है।
एसबीआई की साप्ताहिक रिपोर्ट ‘Ecowrap’ के अनुसार, व्यक्तिगत देखभाल और वस्तुओं श्रेणी में सोने की कीमतों में तेज उछाल के कारण मुद्रास्फीति 57.8% तक दर्ज की गई।
रिपोर्ट का कहना है कि यदि सोने को CPI गणना से बाहर कर दिया जाए, तो मुद्रास्फीति दर -0.57% (वर्ष-दर-वर्ष) रहती है। अनुमान है कि गोल्ड को छोड़कर CPI अगले दो महीनों तक नकारात्मक रह सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी युक्तिकरण से मुद्रास्फीति में 65-75 आधार अंकों की कमी का अनुमान था, लेकिन वास्तविक गिरावट 85 आधार अंक रही।
अक्टूबर के कमजोर मुद्रास्फीति आंकड़े और Q2 की मजबूत जीडीपी वृद्धि दिसंबर की आरबीआई मौद्रिक नीति समीक्षा को चुनौतीपूर्ण बनाते हैं। रिपोर्ट का कहना है कि दिसंबर में दर कटौती की संभावना बहुत अधिक है, लेकिन यह इस पर निर्भर करेगा कि RBI 7% से अधिक ग्रोथ के बीच इसे कैसे उचित ठहराता है।
आरबीआई की अगली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 3-5 दिसंबर 2025 के बीच होगी।
क्रिसिल की मुख्य अर्थशास्त्री दीप्ति देशपांडे ने कहा कि अक्टूबर पहला महीना था जब कम GST दरों का प्रभाव स्पष्ट रूप से उपभोग वस्तुओं की कीमतों में दिखा।
उनका कहना है कि गैर-खाद्य वस्तुओं पर GST कटौती का असर अधिक रहेगा, जबकि खाद्य वस्तुओं पर इसका प्रभाव सीमित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि दिसंबर की नीति समीक्षा में आरबीआई रेपो दर घटा सकता है, क्योंकि मुद्रास्फीति काफी नीचे आ चुकी है।
पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष राजीव जुनेजा ने कहा कि सरकार के विवेकपूर्ण GST सुधारों का अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है। अब सरकार को बुनियादी ढांचे, लॉजिस्टिक्स और कृषि आपूर्ति शृंखला को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए।
ICRA की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जीएसटी कटौती और खाद्य कीमतों में नरमी के संयुक्त प्रभाव से RBI FY2026 की मुद्रास्फीति परियोजना 2.6% से और नीचे ला सकता है। यदि Q2 FY26 की जीडीपी वृद्धि उम्मीद से अधिक न रही, तो दिसंबर 2025 की नीति समीक्षा में 25 आधार अंक की दर कटौती संभव है।
CareEdge Ratings की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि सितंबर के अंत में लागू GST युक्तिकरण का प्रभाव अक्टूबर की महंगाई दर में स्पष्ट रूप से दिखाई दिया है। गिरती मुद्रास्फीति से RBI को आर्थिक विकास को समर्थन देने का बेहतर अवसर मिलता है।