27 फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) में अन्य देशों से निवेश लाने के प्रयास सफल रहे हैं। यूके, जापान, जर्मनी, अमेरिका, बहरीन, और यूएई की कई कंपनियों ने 31,851 करोड़ के निवेश प्रस्ताव दिए हैं, जिससे 17,827 नौकरियां उत्पन्न होंगी। जापान और कनाडा के कई बड़े समूहों ने मुख्यमंत्री के साथ वन-टू-वन चर्चा भी की, और इन पर निर्णय जल्द ही लिया जा सकता है।
जीआईएस के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान, जर्मनी और यूके जैसे देशों का दौरा किया था। इस समिट में जापान, यूएई, यूके, और कनाडा जैसे देशों के राजनयिकों और व्यापार संगठनों ने भाग लिया। इनसे कई निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। यूके की प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी, बाल्फोर बीटी ने परंपरागत और नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में 1,500 करोड़ के निवेश की घोषणा की है। इंडियाज पीपल फोरम और यूएई माइनिंग 1,500 करोड़ का निवेश जलवर्धन और गंदे जल को साफ करने के लिए करेंगे, जिससे 2,000 नौकरियां उत्पन्न होंगी।
जर्मनी के बड़े औद्योगिक समूह हेटिच ने धार में हार्डवेयर और फर्नीचर उत्पादन के लिए 1,500 करोड़ का निवेश करने की घोषणा की है। फ्लोरिडा स्थित प्रायोरिटी सिक्योरिटी कंपनी भोपाल में डाटा सेंटर स्थापित करेगी, जिसके लिए 500 करोड़ का निवेश किया जाएगा। इस परियोजना से 1,200 नौकरियां उत्पन्न होंगी। यह सेंटर सिग्मा हैवी इंजीनियरिंग के साथ मिलकर बनेगा।
आईटी, आईटी सेवा और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्रों में पांच विदेशी कंपनियां 21,220 करोड़ का निवेश करेंगी, जिससे 12,100 रोजगार के अवसर पैदा होंगे। बहरीन की अट्टा फॉर सपोर्टिंग टेक्नोलॉजीस भोपाल में मोबाइल फाइनेंशियल सोल्यूशंस में 20,000 करोड़ का निवेश करेगी। इसके अलावा, प्रायोरिटी सिक्योरिटी, थोलोन्स, डिजिटल कन्वर्जेंस टेक्नॉलिजीएस, और एडवांस ओएसिस टेक्नोसॉफ्ट जैसी कंपनियां भी निवेश लाएंगी।
बाल्फोर, एचएलपीसी बल्गारिया, स्टार ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड और बेक्वेर मिलकर 7,050 करोड़ का निवेश करेंगे, जिससे 1,900 नौकरियां मिलेंगी। इंजीनियरिंग क्षेत्र में हेटिच, शाइन टू और भारी निर्माण मशीनरी बनाने वाली गुआंग्शी ल्यूगांग कंपनी 1,752 करोड़ का निवेश करेंगी।
इथियोपिया की अम्बो यूनिवर्सिटी स्किल डेवलपमेंट में, यूएई की नाइट सिनर्जी स्वास्थ्य क्षेत्र में, और ग्लोबल नेस्ट फूड प्रोसेसिंग में निवेश करेगी। कनाडा का सेंटर फॉर एंटरटेनमेंट आर्ट्स भी निवेश करेगा।
ब्रिजस्टोन कंपनी धार के पीथमपुर में 150 करोड़ की लागत से नया टायर उत्पादन प्लांट लगाएगी। कंपनी 1996 से पीथमपुर के खेड़ा में पहली यूनिट से उत्पादन कर रही है। कुल 2,000 करोड़ का निवेश हो चुका है, जिससे 2,700 लोगों को रोजगार मिला है। इस यूनिट में हर दिन 19,500 टायर बनते हैं, जिनमें कारों और छोटे ट्रकों के रेडियल टायर शामिल हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में वर्तमान में लगभग 31 मेगावाट की विद्युत उत्पादन क्षमता है, जिसमें से 30% हरित ऊर्जा से मिलती है। उन्होंने बताया कि जीआईएस के दौरान प्रदेश की तकनीकी-निरपेक्ष नवीकरणीय ऊर्जा नीति के कारण इस क्षेत्र में भारी निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से मध्यप्रदेश हरित ऊर्जा हब के रूप में उभर रहा है।
वर्तमान में राज्य में पांच बड़ी सौर परियोजनाएं कार्यरत हैं, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 2.75 गीगावाट (2,750 मेगावाट) है। सरकार की योजना वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 20 गीगावाट (20,000 मेगावाट) करने की है। राज्य सरकार ग्रीन हाईड्रोजन के उत्पादन के क्षेत्र में भी तैयारी कर रही है। ऐसी यूनिट आने पर सस्ती जमीन और सब्सिडी जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। जीआईएस के दौरान कई समूहों ने ग्रीन हाईड्रोजन निवेश पर सरकार से चर्चा की है।