मध्य प्रदेश में PACS की सेवा विस्तार
मध्य प्रदेश की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां (PACS) अब अपनी सेवाओं का दायरा बढ़ाते हुए पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, पीएम जनऔषधि केंद्र, रेल टिकट बुकिंग और बिल भुगतान केंद्र जैसे 30 से अधिक कार्यों का संचालन करेंगी। इसके अलावा, इन्हें डेयरी और मछली पालन से जोड़कर 'एमपैक्स' के रूप में विकसित किया जा रहा है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 13 अप्रैल को भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय सहकारिता सम्मेलन में इस पहल की घोषणा की। मध्य प्रदेश इस मॉडल को लागू करने वाला पहला राज्य है, जहां कुल 4,455 PACS हैं।
सम्मेलन के दौरान राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB), मध्य प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ (MPCDF) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। अमित शाह ने बताया कि राज्य के केवल 17% गांवों में सरकारी डेयरी समितियां दूध संकलन करती हैं, जबकि 83% गांव इससे बाहर हैं। इस समझौते से इन गांवों में दूध संग्रहण बढ़ेगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य में वर्तमान में 12 लाख लीटर दूध का संकलन हो रहा है, जिसे अगले पांच वर्षों में 24 लाख लीटर तक बढ़ाने का लक्ष्य है। दुग्ध समितियों की संख्या 7,000 से बढ़ाकर 9,000 की जाएगी। अमित शाह ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश प्रतिदिन 5.5 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन करता है, जिसमें से केवल 2.5% ही डेयरी समितियों तक पहुंचता है। इसलिए, 24 लाख लीटर का लक्ष्य अपेक्षाकृत छोटा है।
इसके अतिरिक्त, सरकार 'कामधेनु गोपालन योजना' शुरू करेगी, जिसके तहत 25 गाय-भैंस की एक यूनिट पर 25% अनुदान मिलेगा। एक किसान अधिकतम 8 यूनिट स्थापित कर सकेगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।