कक्षा 9वीं में 2026-27 से लागू होगा ओपन बुक असेसमेंट
अगले शैक्षणिक सत्र यानी 2026-27 से कक्षा नौवीं के सीबीएसई छात्र खुली किताब लेकर परीक्षा दे सकेंगे। छात्रों पर परीक्षा के तनाव को कम करने के मकसद से सीबीएसई अगले सत्र से ओपन बुक असेसमेंट (ओबीए) योजना शुरू करने जा रहा है। इससे छात्रों को रटना नहीं पड़ेगा और वे योग्यता-आधारित शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे।
पाठ्यक्रम समिति और शासी निकाय के प्रस्ताव के अनुसार, हर सत्र में तीन प्रमुख विषयों — भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान — की लिखित परीक्षा में छात्र किताब लेकर उपस्थित हो सकेंगे। यह निर्णय जून में हुई शासी निकाय की बैठक में लिया गया।
यह निर्णय एक पायलट स्टडी पर आधारित है जिसमें अतिरिक्त पठन सामग्री को शामिल नहीं किया गया और केवल पाठ्यक्रम से संबंधित विषयों का परीक्षण किया गया। इस अध्ययन में छात्रों को 12% से लेकर 47% तक अंक प्राप्त हुए, जिससे यह पता चला कि संसाधनों के प्रभावी उपयोग और अंत:विषय अवधारणाओं को समझने में चुनौतियाँ मौजूद हैं।
गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, सीबीएसई सैंपल पेपर तैयार करेगा और छात्रों को संदर्भ सामग्री को समझने के लिए मार्गदर्शन भी देगा। बोर्ड को उम्मीद है कि इस पहल से परीक्षा का तनाव कम होगा, वैचारिक समझ मजबूत होगी और ज्ञान के व्यावहारिक प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा।
हालाँकि यह ढांचा स्कूलों को सिफारिश के रूप में दिया जाएगा, लेकिन इसका कार्यान्वयन अनिवार्य नहीं होगा।
ओपन बुक असेसमेंट क्या है?
स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCFSE) के अनुसार, ओपन बुक टेस्ट वह होता है जिसमें छात्रों को परीक्षा के दौरान संसाधनों और संदर्भों (जैसे पाठ्यपुस्तकें, कक्षा नोट्स, पुस्तकालय की पुस्तकें आदि) तक पहुंच की अनुमति होती है। यह परीक्षा छात्रों की जानकारी को संसाधित करने, उसका उपयोग करने और विभिन्न संदर्भों में उसे लागू करने की क्षमता का आकलन करती है। इसका उद्देश्य रटने की पद्धति से हटकर एप्लिकेशन और विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित करना है।